कोरोना की दूसरी लहर को मात देने के लिए सभी देशवासियों को जल्द से जल्द दवाइयां एवं जरूरी चीजें जैसे- फेस मास्क और सैनिटाइजर आदि उपलब्ध हो सके, इसका जिम्मा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) और ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) ने उठाया है. बीपीपीआई ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 80.18 करोड़ रुपए की बिक्री की. जिससे लोगों के 500 करोड़ रुपए की बचत हुई. कंपनी का दावा है कि सस्ते रेट में सामान उपलब्ध कराने से लोगों के पॉकेट पर पड़ने वाला बोझ कम हुआ है.
कंपनी के मुताबिक देश के सभी जिलों को कवर करते हुए अभी करीब 7733 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) कार्यरत हैं. यहां 1449 तरह की दवाएं और 204 सर्जिकल मास्क एवं उपभोग वाली चीजें मौजूद हैं. PMBJP के तहत, सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले N-95 फेसमास्क केवल 25 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
80 से 90 फीसदी सस्ती दवाइयां बेचने का दावा
पीएमबीजेके के मुताबिक उनकी ओर से बेची जाने वाली दवाइयों की कीमत ब्रांडेड दवाओं के बाजार मूल्य के 80% से 90% तक सस्ती हैं. वहीं कुछ खास दवाओं में जनऔषधी की दवाइयां शीर्ष तीन ब्रांडेड दवाओं के औसत मूल्य के 50% से कम है. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत सभी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत दूसरों की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए कई न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों को जोड़ा गया है.
इन जरूरी दवाओं को कराया उपलब्ध
बीपीपीआई के मुताबिक कोरोना काल में कंपनी ने फेस मास्क, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पैरासिटामोल और एज़िथ्रोमाइसिन जैसी मांग में आने वाली दवाओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखा देश भर में चल रहे 7500 से अधिक जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग 25 लाख फेस मास्क, 1.25 लाख यूनिट सैनिटाइज़र, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 137 लाख टैबलेट और 323 लाख पैरासिटामोल टैबलेट की बिक्री सस्ती कीमतों पर की गई. इसके अलावा BPPI ने मित्र देशों में वितरण के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) को 30 करोड़ रुपए की दवाओं की आपूर्ति भी की है.