कोरोना काल में डिजिटल बैंकिंग में काफी तेजी आई है. डिजिटल बैंकिंग के लिए IFSC कोड बहुत जरूरी होता है. अगर आप गलत IFSC कोड डालेंगे तो ट्रांजैक्शन नहीं होगा. मोदी सरकार ने पिछले कुछ सालों मे कई बैंकों का मर्जर किया है. जिन बैंकों का मर्जर किया गया है, उन बैंकों के आईएफएससी कोड अब बदल गए हैं. ऐसे में नए कोड की जानकारी होना जरूरी है.

जैसा कि हम जानते हैं अगस्त 2019 में निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बैंक कर दिया था. अलग-अलग बैंकों के लिए आईएफएससी कोड की डेडलाइन अलग-अलग थी. इलाहाबाद बैंक के ग्राहकों के लिए आईएफएससी कोड में 1 मई से बदलाव हुआ है जबकि सिंडीकेट बैंक के ग्राहक अभी तक पुराना कोड इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि 1 जुलाई के बाद यह कोड काम नहीं करेगा और उन्हें नए कोड की जरूरत होगी.

अमलगमेशन प्रोसेस के अंतर्गत 2019 में निर्मला सीतारमण ने पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया था. इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक का विलय किया गया था. इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया गया था. कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का विलय किया गया था जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया और देना बैंक का विलय किया गया था.

बैंकों की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक इलाहाबाद बैंक का IFSC कोड 1 मई को डिसकंटीन्यू किया गया है. सिंडीकेट बैंक के ग्राहक 30 जून तक पुराने आईएफएससी कोड का ही इस्तेमाल करते रहेंगे लेकिन 1 जुलाई से यह काम नहीं करेगा. ऐसे में अगर आपका भी सिंडीकेट बैंक में अकाउंट है तो 30 जून तक इसे अपडेट कर लें नहीं तो ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएगा.