बैंगलोर: प्रसिद्ध एड.टेक प्लेटफार्म और एनसीई ग्रुप की कंपनी, टैलेंट स्प्रिंट ने आज तीसरे समूह के महिला इंजीनियर्स प्रोग्राम (डब्लूई) के लांच करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम में गूगल का सहयोग भी शामिल है। टैलेंट स्प्रिंटड ब्लूई का गठन साल 2019 में टेक इंडस्ट्री में फैली लैंगिक असमानता को दूर करने केउद्देश्य से किया गया था। पहले के दो समूहों को इंडस्ट्री ने जिस तरह से प्रतिसाद मिला उसको देखते हुए, अब तीसरे समूह में 500 प्रतियोगियों को जगह देने की कोशिश की गई है। इस समूह में देशभर की प्रथम वर्ष की महिला विद्यार्थियों को लक्ष्य में रखा गया है, जिसकी शुरुआत मई 2021 से की जाएगी।
यह बात सर्वविदित है कि कम्प्यूटर युग के शुरुआती दिनों में महिलाओं की काफी अहम् भूमिका रही थी। लेडी ऐडा लवलेस और एडमिरल ग्रेस हॉपर, दोनों महिलाएं क्रमशः दुनिया की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर और सॉफ्टवेयर टेस्टर रही थीं। इस शुरआती रोल मॉडल होने के बावजूद महिला प्रोफेशनल्स की भूमिका टेक्नोलॉजी सेक्टर में कम होती गयी और आज के ग्लोबल टेकवर्क फोर्स में महिलाओं की उपस्थिति सिर्फ 26% रह गयी है। इस लैंगिक असामनता को दूर करने के उद्देश्य से टैलेंट स्प्रिंट वी प्रोग्राम ने देशभर से प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग महिलाओं को चुनने, प्रशिक्षित करने और उनको तैयार करने का बीड़ा उठाया है। इन प्रतिभाशाली ऐकडेमिक महिलाओं को, जो विभिन्न सामाजिक बैक ग्राउंड से आती हैं,सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहन देने के साथ.साथ उनकी प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जाता है।
पहले के दो समूहों के लिए कुल 27,000 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 220 प्रतिभागियों को इस प्रोग्राम में भाग लेने का मौका दिया गया था। अब तक 50 प्रतिष्ठित कंपनियों जैसे गूगल, अमेज़न,फ्लिपकार्ट, माइक्रोसॉफ्ट, गोल्डमैन सच्स, एक्सेंचर,एडोबे, कपजेमिनि, ओरेकल, गोजेक, मैथवर्क्स और दूसरी कंपनियों ने उनको इंटर्नशिप या नौकरियों के प्रस्ताव दिए थे। इसके अलावा इनको एंट्री.लेवल के इंजीनियरों से 150% ज्यादा की सैलरी दी गयी। तीसरे समूह के लिए होने वाले एडमिशन मेंकई स्तर की चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी और जो विद्यार्थी इस समूह के लिए चयनित होंगे उन्हें आंशिक या पूर्ण आर्थिक सहायता दी जाएगी जो मेरिट और उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि पर निर्भर होगी।
गूगल के सर्च एड्स के वाइस प्रेजिडेंट, शिव वेंकटरमन ने कहा,“टेक के लिए वाकई में समान स्तर का अवसर प्रदान करने के लिए और सही अर्थों में प्रासंगिक उपाय करने के लिए महिलाओं का टेक्नीकल संस्थानों में काम करना बहुत जरूरी है। इससे उनको प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही पिछले समूहों को मिले अच्छे प्रतिसाद को देखते हुए हमें उत्साह मिला और हमने कार्यक्रम को और बड़ा रूप देने की कोशिश की। हमें इस बात की ख़ुशी है कि हम इस प्रोग्राम में टैलेंट स्प्रिंट का सहयोग कर रहे हैं, जिन्होंने इसे आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
टैलेंट स्प्रिंट के सीईओ और सह.संस्थापक, डॉ. सांतनु पाल ने बताया, “हम अपनी शुरुआत से ही, टैलेंट स्प्रिंट के माध्यम से हाई.टेक सेक्टर में लैंगिक असमानता को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। टैलेंट स्प्रिंट वी, प्रोग्राम की शुरुआत गूगल के सहयोग से साल 2019 में की गयी थी। पिछले दो सालों में यह प्रोग्राम काफी मजबूती से आगे बढ़ा है। प्रोग्राम को इंडस्ट्री, एकेडेमिया और युवा महिला विद्यार्थियों से इसको काफी अच्छा प्रतिसाद मिला है, जिसका श्रेय इसकी अनूठी डिज़ाइन और मे धावी विद्यार्थियों का आना है। हमें लगता है कि अभी यह शुरुआत है और लैंगिक असमानता को और कम किये जाने की जरूरत है। इसलिए हमें ख़ुशी है कि हमारा सहयोग गूगल कर रहा है और हम इस साल विश्वस्तर की महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को अच्छी संख्या में तैयार करने जा रहे हैं।‘’