काजू और कोको विकास निदेशालय, कोच्ची (केरल) ने प्रदेश के बैतूल, छिन्दवाड़ा, बालाघाट और सिवनी जिले को काजू की खेती के लिए उपयुक्त पाया है। इन जिलों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ‘रफ्तार’ में इस वर्ष काजू क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम लागू कर दिया गया है। इन जिलों में सभी वर्ग के किसानों ने कुल एक लाख 60 हजार पौधों का रोपण किया है। काजू और कोको विकास निदेशालय, कोच्ची (केरल) द्वारा किसानों को अभी तक रोपित पौधों के अतिरिक्त एक लाख 26 हजार पौधे और उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इन जिलों में काजू की खेती के लिये 171.666 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। बैतूल जिले में 1000 हेक्टेयर, छिन्दवाड़ा में 30 हेक्टेयर, बालाघाट में 200 हेक्टेयर तथा सिवनी जिले में 200 हेक्टेयर में काजू के पौधे लगाए जा रहे हैं। प्रति हेक्टेयर 200 पौधों का रोपण 7 X 7 मीटर की दूरी पर किया जा रहा है।