प्राइवेट क्षेत्र के मोबाइल टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के प्लेटफॉर्म COAI ने 5जी टेक्नोलॉजी (5G Technology) को कोविड-19 महामारी के प्रसार की वजह बताने वाले सोशल मीडिया के फर्जी और भ्रामक संदेशों को हटवाने की मांग को लेकर सूचना और टेक्नोलॉजी मंत्रालय को लिखा है.
सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा कि 5G को कोरोना वायरस से जोड़ने के दावे बेबुनियाद हैं क्योंकि देश में अभी 5जी टेलीकॉम नेटवर्क स्थापित ही नहीं किए गए हैं. यही नहीं, टेलीकॉम ऑपरेटरों ने अभी 5जी नेटवर्क के परीक्षण भी शुरू नहीं किए हैं. COAI के सदस्यों में रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं.
संगठन के महानिदेशक एस पी कोच्चर ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव राजेंद्र कुमार को 5 मई को लिखे पत्र में कहा है, ‘राष्ट्रीय हित की सुरक्षा करने के लिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने पद का इस्तेमाल फेसबुक, वाट्सऐप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस तरह के सभी पोस्ट और गुमराह करने वाले अभियान तत्काल आधार पर अपने प्लेटफॉर्म्स से हटाने का निर्देश दें.’
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर लोग ऐसे ऑडियो और वीडियो मैसेज साझा कर रहे हैं जिनमें 5जी टावरों को देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इन दिनों सोशल मीडिया और वाट्सऐप पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 5G टेक्नोलॉजी के कारण कोरोना महामारी फ़ैल रही है लेकिन इस वायरल मैसेज में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है और इस बात की पुस्टि PIB फैक्ट चेक की टीम और COAI ने कर दी है.
तथ्य यह है कि अभी किसी भी कंपनी ने भारत में 5जी टेक्नोलॉजी शुरू नहीं की है. वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी इस बात को साफ कर दिया है कि 5G टेक्नोलॉजी और Covid-19 में कोई संबंध नहीं है.