जबलपुर: डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान के एक भाग के रूप में एचडीएफसी बैंक ने कटनी और नागदा में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाओं की मेजबानी की। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य युवा पीढ़ी को सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं पर आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना था।

एचडीएफसी बैंक ने राजकीय तिलक कॉलेज (कटनी), राजकीय गर्ल्स कॉलेज (कटनी), डायमंड इंग्लिश हायर सेकेंडरी स्कूल (कटनी), शेषशायी कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (नागदा), आदर्श हितकारिणी चिल्ड्रन एकेडमी (जबलपुर) और राजकीय कॉलेज नागदा में धोखाधड़ी जागरूकता कार्यशालाओं की इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से, 950 से अधिक छात्रों और कर्मचारियों ने सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं पर बहुमूल्य जानकारी हासिल किया ।

कार्यशाला में डिजिटल सुरक्षा की व्यापक समझ सुनिश्चित करते हुए कई प्रासंगिक विषयों को शामिल किया गया:

  1. आई एफ ए डब्ल्यू (IFAW) की पृष्ठभूमि: उपस्थित लोगों को डिजिटल जागरूकता की वकालत करने में अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी जागरूकता सप्ताह के मिशन/भूमिका से परिचित कराया गया।
  2. साइबर धोखाधड़ी जागरूकता: विशिंग, फ़िशिंग, स्मिशिंग, रिमोट डिवाइस एक्सेस, सिम स्वैप और यूपीआई धोखाधड़ी जैसे सामान्य साइबर खतरों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। समझ को गहरा करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग किया गया।
  3. सुरक्षित नेटबैंकिंग और शॉपिंग टिप्स: सत्रों में सुरक्षित ऑनलाइन लेनदेन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया, विजिल आंटी के महत्व पर प्रकाश डाला गया और सुरक्षित ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अमूल्य टिप्स दिए गए।
  4. निवारक उपाय: उपस्थित लोगों को ओटीपी, सीवीवी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पिन और यूपीआई पिन जैसी संवेदनशील जानकारी का खुलासा न करने के लिए निर्देशित किया गया।

इस पर टिप्पणी करते हुए श्री मनीष अग्रवाल, कार्यकारी उपाध्यक्ष – क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल – एचडीएफसी बैंक ने कहा, “जैसे-जैसे बैंक अधिक डिजिटल होते जा रहे हैं, अपराधी भी नए तरीकों की तलाश कर रहे हैं जिनके द्वारा वे ग्राहकों को धोखा दे सकें। आज युवा पीढ़ी तकनीक प्रेमी है और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक लेनदेन कर रही है। इसलिए उनमें जागरूकता पैदा करना जरूरी है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा साझा न करें या असत्यापित लिंक पर क्लिक न करें। इन कार्यशालाओं के माध्यम से हम स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर जागरूकता फैलाने की योजना बना रहे हैं ताकि कम उम्र में ही सुरक्षित बैंकिंग प्रथाएं उनमें शामिल हो जाएं।’

इन जागरूकता सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को विभिन्न धोखाधड़ी के तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना है, जिनका उन्हें खुद को ऐसे ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने के लिए पालन करने की आवश्यकता है। चालू वित्तीय वर्ष (FY24) में, एचडीएफसी बैंक ने पूरे भारत में 3,980 से अधिक ऐसे सत्र आयोजित किए हैं और समाज के विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हुए 42,000 से अधिक प्रतिभागियों तक पहुंच बनाई है। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य स्कूल, कॉलेजों, ग्राहकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों, शैक्षणिक संस्थानों, विक्रेताओं, भागीदारों और कर्मचारियों सहित अन्य को शिक्षित करना है।

बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि कोई ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है, तो उन्हें तुरंत अपनी संबंधित शाखा से संपर्क करना चाहिए और 1930 (राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल द्वारा हेल्पलाइन नंबर) पर कॉल करना चाहिए।