चेन्नई. भारत को अलविदा कह गई अमेरिकी कार फोर्ड कंपनी करीब दो साल बाद फिर से वापसी करने आने की योजना बना रही है. कंपनी निर्यात के उद्देश्य से चेन्नई के कारखाने से अपना उत्पादन दोबारा शुरु करेगी.

फोर्ड के अंतरराष्ट्रीय बाजार समूह के अध्यक्ष हार्ट ने कहा कंपनी ने तमिलनाडु सरकार को आशय पत्र सौंपा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दो दिन पहले मिशिगन के डियरबॉर्न में फोर्ड के मुख्यालय का दौरा किया था। उन्होंने कंपनी के शीर्ष प्रबंधन से अपने राज्य में उत्पादन दोबारा शुरू करने का आग्रह भी किया था। यह खबर तब आई है, जब कई अन्य वै​श्विक ब्रांड भारत में वापसी कर रहे हैं। चीन का फास्ट फैशन ब्रांड शीन भी रिलायंस रिटेल के जरिये भारतीय बाजार में दस्तक देने को तैयार है। फ्रांस की मल्टीब्रांड रिटेल कंपनी कारफू दुबई के अपैरल ग्रुप के साथ फ्रैंचाइज साझेदारी के जरिये भारत में लौट रही है।

फोर्ड कंपनी ने सितंबर 2021 में भारत से अपना कारोबार समेटने की घोषणा की थी। कंपनी चेन्नई के मरैमलाई नगरर कारखाने में दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजार को निर्यात के लिए इलेक्ट्रिक वाहन बना सकती है। फोर्ड ने अगस्त 2022 में मरैमलाई नगर कारखाने में उत्पादन बंद कर दिया था, जिसके दो साल बाद उसकी वापसी हो रही है.

कुछ अरसा पहले वाहन क्षेत्र में बड़ी वापसी रेनो की थी। 2007 में लोगन के लिए महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के साथ नाकाम साझे उपक्रम के बाद वह रेनो इंडिया के तौर पर वापस आई थी और मार्च 2010 में उसने तथा निसान इंडिया ने चेन्नई में कारखाना लगाया था। हार्ट ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज हमने भारत में तमिलनाडु सरकार को एक आशय पत्र सौंपा है। उसमें चेन्नई कारखाने का इस्तेमल निर्यात के मकसद से करने की मंशा जताई गई है।

गौरतलब है कि भारत से कारोबार समेटते समय फोर्ड को पिछले एक दशक में 2 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका था। उस समय ईकोस्पोर्ट और एंडेवर एसयूवी जैसे मॉडलों के साथ देश के यात्री वाहन बाजार में इसकी हिस्सेदारी 2 प्रतिशत से भी कम थी। कंपनी का गुजरात के साणंद में भी एक विनिर्माण संयंत्र था जिसका अधिग्रहण टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने कर लिया।