कार्लाइल के निवेश वाली पशु स्वास्थ्य सेवा कंपनी सीक्वेंट साइंटिफिक और वियश लाइफ साइंसेज ने विलय की घोषणा की है। 8,000 करोड़ रुपये मूल्य के विलय सौदे के बाद बनने वाली नई इकाई भारत में पशु के लिए दवा बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी।
विश्लेषकों के अनुसार नई कंपनी दुनिया में पशु स्वास्थ्य सेवा कारोबार में संभावनाओं का फायदा उठाने की मजबूत स्थिति में आ जाएगी। 2023 में दुनिया में यह बाजार लगभग 38 अरब डॉलर आंका गया था। माना जा रहा है कि यह लगभग 8 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2027 तक 51 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। भारतीय पशु स्वास्थ्य सेवा बाजार 2023 में 8,000 करोड़ रुपये आंका गया था और 2032 तक इसके बढ़कर 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
एकीकृत कंपनी की 150 देशों में पहुंच होगी। विलय के बाद नई इकाई का बहीखाता भी मजबूत हो जाएगा। जून में येस सिक्योरिटीज के भवेश गांधी ने कहा था कि सीक्वेंट अपने एपीआई कारोबार को लेकर उत्साहित है और दवा विनिर्माण कारोबार में भी इसे तेजी आने की उम्मीद है। कंपनी का घरेलू कारोबार भी पहले से बेहतर हो रहा है।
कार्लाइल ग्रुप की कंपनियों की विलय योजना के अनुसार वियश के शेयर धारकों को इसके प्रत्येक 100 इक्विटी शेयरों की तुलना में सिक्वेंट के 56 शेयर मिलेंगे। सीक्वेंट की ओर से जारी इन नए शेयरों का कारोबार एनएसई और बीएसई पर होगा। इससे सिक्वेंट का पूंजी आधार मौजूदा 24 करोड़ शेयरों से बढ़कर 42.8 करोड़ शेयर जा जाएगा।