चेन्नई: टाटा मोटर्स ने तमिलनाडु में अपने नए कारखाने का निर्माण शुरू कर दिया है। यह निर्माण कार्य 9,000 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। इस कारखाने में अगली पीढ़ी के जगुआर लैंड रोवर (JLR) वाहनों का भी उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही देश में किसी लक्जरी वाहन का पूरी तरह उत्पादन शुरू होगा। फिलहाल ऐसे वाहनों का भारत में असेंबल करके निर्यात किया जाता है। इस लिहाज से यह परियोजना भारत के वाहन उद्योग के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी।
कंपनी ने घोषणा की है राज्य के रानीपेट जिले के पणपाक्कम में स्थापित होने वाले इस अत्याधुनिक कारखाने में कार और स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) दोनों का उत्पादन किया जाएगा। टाटा संस और टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस कारखाने के शिलान्यास समारोह के दौरान कहा कि यह कारखाना न केवल भारतीय बाजार बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों की भी जरूरतों को भी पूरा करेगा।
इस कारखाने में पारंपरिक लग्जरी वाहनों के अलावा इलेक्ट्रिक वाहन भी बनाए जाएंगे। इस कारखाने को 2,50,000 से अधिक वाहनों की सालाना उत्पादन क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। भारत में लग्जरी वाहन कंपनियों द्वारा फिलहाल कलपुर्जों का आयात करते हुए वाहन असेंबल किया जाता है। मगर टाटा मोटर्स की नई परियोजना को आसपास मौजूद आपूर्तिकर्ताओं की मौजूदगी का भी फायदा मिलेगा। तमिलनाडु सरकार पानापक्कम प्लांट के लिए कलपुर्जों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रानीपेट के समीप एक वाहन आपूर्ति पार्क स्थापित करने की योजना बना रही है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उद्योग विभाग को पहले ही निर्देश दिया है कि आसपास के क्षेत्र में एक आपूर्तिकर्ता पार्क विकसित किया जाए ताकि टाटा-जेएलआर की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को स्थानीय बनाया जा सके। तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने भूमिपूजन समारोह के दौरान कहा, ‘यह पहल टाटा मोटर्स के आपूर्तिकर्ताओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगी और रानीपेट के पास एक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के क्लस्टर के साथ-साथ कलपुर्जों के लिए एक दमदार बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी।’