नई दिल्ली: अदाणी न्यू इंड्स्ट्रीज लिमिटेड सौर उपकरण बनाने के लिए सोलर ग्लास, एल्युमीनियम फ्रेम और बैकशीट का विनिर्माण प्लांट शुरू करने जा रही है। ये सभी कंपनी के मौजूदा सोलर सेल एवं मॉड्यूल के लिए अहम पुर्जे हैं। एएनआईएल अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की हरित ऊर्जा उत्पाद विनिर्माण इकाई है। फ्रांस की ऊर्जा कंपनी टोटाल एनर्जीज की एएनआईएल में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है और बहुलांश हिस्सा एईएल के पास है।

कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस योजना का मकसद सोलर सेल एवं मॉड्यूल विनिर्माण के लिए अपनी आपूर्ति व्यवस्था तैयार करना है। एएनआईएल इस समय पॉलिसिलिकन वेफर, सिल्ली, सेल एवं मॉड्यूल बना रही है जिनका इस्तेमाल सोलर मॉड्यूल और तैयार उत्पादों में होता है।

इस बारे में कंपनी के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘सौर ऊर्जा परियोजना में काम आने वाले कई पुर्जे ऐसे हैं जिनका हम आयात करते हैं। दो कंपनियां सोलर ग्लास जरूर बना रही है मगर इससे जरूरत पूरी नहीं हो रही है। इसे देखते हुए हम स्वयं इसे तैयार करना चाहते हैं।’

कंपनी के प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिये इस योजना की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कंपनी की यह पहल दीर्घ अवधि के लिए टिकाऊ आपूर्ति व्यवस्था खड़ा करने की उसकी योजना का हिस्सा है। अदाणी सोलर गुजरात के मुंद्रा में भारत का सबसे व्यापक एवं अत्याधुनिक सौर विनिर्माण तंत्र स्थापित कर रहा है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘मॉड्यूल, सेल, इनगट और वेफर बनाने के अलावा संयुक्त उद्यम के जरिये ग्लास, एल्युमीनियम, ईवीए, बैकशीट के लिए पुर्जे भी बनाए जाएंगे।’कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि अनिल 10-12 गीगावॉट क्षमता वाला एक एल्युमीनियम फ्रेम प्लांट स्थापित करेगी और इतनी ही क्षमता वाला एक बैकशीट प्लांट भी स्थापित किया जाएगा।

उत्पादन क्षमता के बारे में पूछने पर प्रवक्ता ने कहा, ‘इस समय अदाणी सोलर की सेल एवं मॉड्यूल बनाने की क्षमता 4 गीगावॉट और इनगट एवं वेफर क्षमता 2 गीगावॉट है। अदाणी सोलर वर्ष 2030 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर 10 गीगावॉट तक करेगी। पुर्जा विनिर्माण की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।’ अदाणी समूह विशाखा गैस प्राइवेट लिमिटेड (वीजीपीएल) का संयुक्त प्रवर्तक है। वीजीपीएल मुंद्रा विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थित है।

केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वीजीपीएल ने ऑटोमोटिव एवं फ्लोट ग्लास बनाने वाली कंपनी असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड के साथ तकनीकी समझौता कर रखा है। 31 मार्च 2022 तक वीजीपीएल में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि इन संयंत्रों के लिए निवेश विशाखा समूह के साथ एक विशेष व्यवस्था के तहत आएगा या नहीं। हालांकि, उन्होंने यह जरूर बताया कि अगले महीने ग्लास प्लांट के लिए भूमि पूजन हो जाएग।

कंपनी के अधिकारी ने यह नहीं बताया कि इन संयंत्रों पर कितना निवेश होगा। इस समय बोरोसिल रीन्यूएबल्स भारत में सोलर ग्लास बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार इसकी विनिर्माण क्षमता 8 गीगावॉट है।

 

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