रिलायंस जियो के पास अगस्त 2024 तक 4.81 करोड़ (482 मिलियन) ग्राहक हैं और इन सभी करोड़ों ग्राहकों तक अभी 5जी की सेवाएं नहीं पहुंची हैं। शायद इसमें और समय भी लग सकता है। रिलायंस जियो ने अपने कॉम्पटीटर भारती एयरटेल की तरह ही ग्राहक सेवाओं में थोड़ा कारोबारी शिफ्ट करने का फैसला लिया है। रिलायंस अपने 5जी नेटवर्क के एक्सपेंशन के पहले 4जी नेटवर्क को लेकर ज्यादा ध्यान देंगे। खास बात ये है कि एयरटेल भी इस समय अपने 4जी नेटवर्क पर ही ज्यादा ध्यान दे रहा है।
रिलायंस जियो 5जी नेटवर्क के एक्सपेंशन को धीमा करेगी और ग्राहकों को पहले 4जी सेवाएं मुहैया कराने पर ज्यादा ध्यान देगी। इसके तहत अब कंपनी अपने कैपिसिटी यूटिलाइजेशन को थोड़ा धीमी गति से आगे बढ़ाएगी और मॉनेटाइजेशन की प्रकिया को भी 4जी सेवाओं के एक्सपेंशन के लिए ज्यादा फोकस करेगी। इसके अंतर्गत 4जी यूजर्स को नेक्स्ट-जेन सर्विस मुहैया कराने के लिए रिलायंस जियो अधिक गति से इस नेटवर्क पर काम करेगी।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारती एयरटेल ने भी 4जी नेटवर्क को बढ़ाने पर ध्यान लगाया है और अब रिलायंस जियो भी इसी तर्ज पर अपना नेटवर्क बढ़ाने पर फोकस कर रही है। एयरटेल अपने बचे हुए फीचर फोन यूजर्स को स्मार्टफोन पर शिफ्ट करने के लिए ज्यादा मुस्तैदी से काम कर रही हैं। दोनों टेलीकॉम कंपनियां अपने 5G ऑपरेशंस को पूरी तरह यूजर्स बेस्ड और उनकी जरूरतों के आधार पर सर्विसेज दिलाने पर ध्यान दे रही हैं। दरअसल देश में स्मार्टफोन सभी के पास नहीं है और ऐसे मामलों की कमी के चलते नेक्स्ट जेनरेशन के मोबाइल सर्विस के मॉनेटाइजेशन में ज्यादा तेजी नहीं आ रही है।