स्पाइसजेट ने डीजीसीए को सूचित किया है कि वह 24 महीने के भीतर 36 खड़े विमानों को वापस सेवा में लाने के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नियामक ने पिछले शुक्रवार को विमान कंपनी को खड़े विमानों को सेवा में लाने की खातिर चर्चा करने के लिए समन भेजा था।

यह घटनाक्रम कंपनी की तरफ से वैश्विक निवेशकों व म्युचुअल फंडों से क्यूआईपी के जरिये 3,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने के बाद हुआ। विमानन कंपनी ने इस संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवाल का जवाब नहीं दिया।

क्यूआईपी के दौरान कंपनी ने खुलासा किया था कि उसके 58 में से 36 खड़े हैं, जिसकी मुख्य वजह पट्टादाताओं को भुगतान में कथित तौर पर चूक है। वित्तीय चुनौती विमानों के रखरखाव पर असर डाल रही है और कुछ कलपुर्जे आदि की भी किल्लत है।

सूत्रों ने कहा, कंपनी ने नियामक को सूचित किया है कि 36 खड़े विमानों में से सात साल के आखिर तक सेवा में आ जाएंगे। बाकी 29 विमान उसके 15 से 21 महीने बाद सेवा में आने की उम्मीद है। इसके अलावा मंगलवार को कंपनी ने कहा कि वह सात विमान पट्टे पर लेने जा रही है ताकि उसके विमानों के परिचालन में तत्काल मजबूती आ जाए। ये सात विमान 15 नवंबर तक बेड़े में शामिल कर लिए जाएंगे।

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