हालांकि, फरवरी में दैनिक लेनदेन की संख्या बढ़कर 14.46 मिलियन हो गई, जो जनवरी में 14.33 मिलियन थी।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस में फरवरी में महीने-दर-महीने 5% की गिरावट दर्ज की गई, जो जनवरी के 16.99 बिलियन से घटकर 16.11 बिलियन रह गई। इसी तरह, ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी 6.5% की गिरावट आई, जो जनवरी में 23.48 ट्रिलियन रुपये से घटकर फरवरी में 21.48 ट्रिलियन रुपये हो गई। इसका मुख्य कारण फरवरी में दिनों की संख्या कम होना बताया गया।
दिसंबर में दर्ज किए गए 16.73 बिलियन ट्रांजैक्शंस और 23.25 ट्रिलियन रुपये की वैल्यू की तुलना में भी इसमें गिरावट देखी गई। हालांकि, फरवरी 2024 की तुलना में ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 33% और वैल्यू में 20% की वृद्धि हुई। यह जानकारी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा में सामने आई।
वर्ल्डलाइन इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख सुनील रोंगला ने कहा, “फरवरी 2025 में कम आंकड़े केवल इसलिए दर्ज किए गए क्योंकि इस महीने में दिन कम होते हैं। हालांकि, औसत दैनिक ट्रांजैक्शंस 575 मिलियन और वैल्यू 78,446 करोड़ रुपये रही, जो जनवरी 2025 के क्रमशः 548 मिलियन और 75,743 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक थी। साल-दर-साल ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 33% की वृद्धि देखी गई, जो आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि UPI के नए उपयोग और चैनल लगातार बढ़ रहे हैं।”