रायपुर: आज एचडीएफसी बैंक ने रायपुर में टीचिंग के इनोवेटिव विचारों पर ‘नवाचार पुस्तिका’ नामक एक मैन्युअल लांच किया। इस मैन्युअल में शिक्षण की इनोवेटिव विधियों का संकलन है, जो स्वयं टीचर्स द्वारा बताई गई हैं। ये निशुल्क, उच्च प्रभावशाली विचार बैंक के अम्ब्रेला सीएस आर, #Parivartan के तहत एचडीएफसी बैंक के ‘टीचिंग-द-टीचर’ (3टी) कार्यक्रम का हिस्सा हैं।
3टी के तहत 17 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 15.20 लाख से अधिक टीचर्स को प्रशिक्षित करने के लिए उनसे विचार आमंत्रित किए गए और चयनित विचारों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूलों में क्रियान्वित किया गया। यह कार्यक्रम 6 लाख सरकारी स्कूलों में 1.6 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित कर चुका है।
छत्तीसगढ़ से सर्वोच्च 8 प्रतिभागी टीचर्स को रायपुर में ज़ीरो इन्वेस्टमेंट इनोवेशन इन एजुकेशन पर प्रशिक्षण कार्यशाला के लिए आमंत्रित किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए इनोवेशन मैन्युअल का लांच श्री नीलेश मुले, सर्किल हेड, ब्रांच बैंकिंग, छत्तीसगढ़, एचडीएफसी बैंक द्वारा श्री मयंक अग्रवाल, हेड, ऑपरेशनस, श्री औरोबिंदो सोसायटी के साथ श्री सुभाषराय, कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी, एचडीएफसी बैंक की मौजूदगी में किया गया।
मिस आशिमा भट्ट, ग्रुप हेड-कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी, एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘‘टीचर्स राष्ट्रनिर्माण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं क्योंकि किसी भी समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। हमारा मानना है कि परिवर्तन के तहत टीचिंग-द-टीचर्स (3टी) कार्यक्रम टीचर्स को क्लासरूम्स में शिक्षा प्रदान करने के इनोवेटिव तरीकों के बारे में सोचने में संलग्न करके शिक्षा को ज्यादा आधुनिक एवं डाइनामिक बनाएगा। इस प्रकार इनोवेशन हैंड बुक भारत के टीचर्स के लिए संदर्भात्मक मैन्युअल बन जाएगी, जिसके द्वारा वो निशुल्क एवं अत्यधिक प्रभावशाली विचारों का उपयोग करने में समर्थ बनेंगे। अपनी तरह का यह अलग अभियान, बैंक के सतत प्रयास का हिस्सा है, जो परिवर्तन का उत्प्रेरक बनने और स्थानीय जनसंख्या के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए बैंक करता है।’’