07 अगस्त, 2019. एनपीए अर्थात नॉन परफॉर्मिंग असेट हमेशा से बैंकों के लिए बड़ी चुनौती की तरह रही हैंl इनके कारण अक्सर बैंकों के कुल अर्जित लाभ पर भी नकारात्मक असर पड़ता हैl लेकिन यदि वसूली का आंकड़ा सही रहे तो बैंकों का नुकसान कम भी हो सकता हैl सिंडिकेट बैंक की पहली वित्तीय तिमाही में यही प्रभाव देखने में आया है l एनपीए में कमी आने से बैंक का नुकसान पहली तिमाही में घटकर 980 करोड़ रूपये पर आ गया हैl इस बीच 2019-20 जून तिमाही के दौरान कुल आय बढ़कर 6, 080. 69 करोड़ हो गई, जबकि इसके पहले के वर्ष की अवधि में यह 56,37. 51 करोड़ रूपये थी l इस बात की जानकारी सिंडिकेट बैंक ने अपनी रेगुलेटरी फाईलिंग में कीl

एनपीए में कमी आने की वजह से राज्य संचालित सिंडिकेट बैंक में 24 जुलाई को, जून 2019 को समाप्त तिमाही में सकल हानि घटकर 980. 46 करोड़ रूपये दर्ज की गईl बैंक द्वारा दर्ज आंकड़ों के अनुसार मार्च 2019 में समाप्त पिछले वित्तीय वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही की तुलना में इस वर्ष की समान अवधि की तिमाही में कुल घाटे में कमी आई है और यह 1, 281. 77 करोड़ रूपये रहा हैl  बैंक की रेगुलेटरी फाईलिंग के अनुसार 2019-20 की जून तिमाही के दौरान कुल आय बढ़कर 6, 080. 69 करोड़ रूपये हो गई है जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 56, 37. 51 करोड़ रूपये थी lजून 2019 के अंत तक सकल एनपीए में कमी आने से बैंक की परिसम्पतियों में सुधार देखा गया, यह एनपीए कम होकर सकल अग्रिम राशि (ग्रॉस एडवान्सेस) का 11.76 प्रतिशत हो गया, जो कि जून 2018 में 12. 59 प्रतिशत थाl  कुल एनपीए या सकंटग्रस्त आस्तियों (अमानक ऋण) का अनुपात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 6.64 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 5.06 प्रतिशत पर आ गया l तिमाही के लिए अमानक ऋण तथा आकस्मिक व्यय के लिए कुल प्रावधान (प्रोविजनिंग) पिछले वर्ष के 2,326. 82 करोड़ रूपये की तुलना में घटकर 1,969. 09 करोड़ रूपये पर आ गया l  जून 30, 2019 को बैंक का प्रोविज़न कवरेज अनुपात 69.02 प्रतिशत रहा l ऋण दाता (बैंक) के अनुसार उसने जून 2019 के अंत तक 5,065 एमएसएमई अकाउंट्स के लोन के किश्तों की अवधि में बदलाव किया और उन्हें 172. 81 करोड़ रूपये की मानक आस्तियों के रूप में स्वीकृत किया।

बीएसई (बम्बई स्टॉक एक्सचेंज) पर बैंक का शेयर 4. 20 प्रतिशत घटकर 35. 35 पर बंद हुआ।