रिजर्व बैंक द्वारा लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती के क्या मायने हैं?
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने 3 दिन की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.35 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया है। अब रेपो रेट की नई दर5.4 प्रतिशत होगी। आरबीआई ने दरों में कटौती लगातार चौथी बार की है। रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद जहां एक ओर रिवर्स रेपो रेट 5.15 प्रतिशत हो गया है वहीँ MSF और बैंक रेट 5.65 प्रतिशत हो गया हैं। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 4 सदस्यों ने 0.35 प्रतिशत कटौती के पक्ष में वोट दिया; 2 सदस्यों ने 0.25 प्रतिशत कटौती के पक्ष में वोट दिया।
रिजर्व बैंक द्वारा जुलाई से सितंबर के बीच महंगाई का लक्ष्य 3.1 प्रतिशत रखा है। दूसरी छमाही के लिए 7.3 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत जीडीपी का लक्ष्य रखा है। रिजर्व बैंक अब से पहले 0.25 प्रतिशत के हिसाब से दरों में कटौती करता रहा है, परन्तु पहली बार 0.35 प्रतिशत की कटौती की गई है। इससे होम, ऑटो और अन्य कई लोन की ईएमआई घट सकती है। फरवरी से अब तक आर बी आई रेपो रेट 1.10 प्रतिशत घटा चुका है। हाल ही में वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण ने इस कटौती का लाभ ग्राहकों को भी देने के लिए बैंकों से कहा था।
रिजर्व बैंक का महंगाई का लक्ष्य 4 प्रतिशत है। महंगाई अभी इस से नीचे ही है, इसलिए रिज़र्व बैंक यह कटौती कर पा रहा है।
अभी तक रेपो रेट 5.75 प्रतिशत पर, रिवर्स रेपो रेट 5.5 प्रतिशत, MSFR रेट और बैंक रेट 6 प्रतिशत पर थी। वहीं CRR 4 प्रतिशत और SLR 18.75 प्रतिशत पर थे।