एचडीएफसी बैंक ने अपनी पहली इंटीग्रेटेड रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक से सोशल इनिशिएटिव ‘परिवर्तन’ के जरिए 5 करोड़ लोगों की ज़िंदगी में सकारात्मक परिवर्तन आए है। इस इंटीग्रेटेड रिपोर्ट से पता लगता है कि कैसे बैंक द्वारा न सिर्फ अपने शेयरहोल्डर्स, स्टेकहोल्डर्स, कस्टमर्स, इम्प्लोई के जीवन को बेहतर बनाया है बल्कि वृहद् स्तर पर समाज को भी लाभान्वित किया है।
एचडीएफसी बैंक की चेयरपर्सन श्यामला गोपीनाथ कहती है कि हमने भारत में उन कॉर्पोरेट्स के सिलेक्टेड क्लब को ज्वाइन किया है, जो इंटीग्रेटेड रिपोर्ट पेश करते है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोपोरेट्स द्वारा किया जाने वाले एक बहुत अच्छा काम है पर भारत में अभी भी इंटीग्रेटेड रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि एचडीएफसी बैंक डिस्क्लोज़र और रिपोर्टिंग के हाईएस्ट स्टैण्डर्ड को अपनाया है। हमारे सारे शेयर-होल्डर्स और स्टेक-होल्डर्स अब एक ही जगह पर देख पाएंगे कि हमने उन्हें किस तरह लाभान्वित किया। खासकर ‘परिवर्तन’ के जरिए, जिसमे बेहद जमीनी स्तर पर काम करते हुए लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे है।
परिवर्तन ने एक्सेक्यूशन और गवर्नेंस के मामले में ये टॉप थ्री वेल्यूस क्रिएट की बैंक और उसके स्टेक-होल्डर्स के लिए
गवर्नेंस- उद्योग, कार्य और क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ सक्षम बोर्ड, उत्तम शासन पद्धतियों का सक्रिय अंगीकरण, निर्णय लेने में स्वतंत्र निदेशकों की भागीदारी
एक्सेक्यूशन- गतिशील / लचीले व्यापार मॉडल, प्रक्रिया अनुशासन, व्यवसाय और जोखिम कार्य का पृथक्करण
परिवर्तन के बारे में अधिक जानकारी
एचडीएफसी बैंक द्वारा किए जाने वाले सारे सामाजिक कार्य ‘परिवर्तन’ नामक पहल के अंतर्गत किए जाते हैं। 31 मार्च 2019 को ख़त्म हुए आर्थिक सत्र में सीएसआर एक्टिविटीज पर 443.8 करोड़ रुपए खर्च किए गए। यह राशि पिछले वर्ष सीएसआर पर खर्च की गई राशि से 20 प्रतिशत ज्यादा है। यह राशि बैंक को सीएसआर एक्टिविटीज पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले संस्थानों में से एक बनाती है।
एचडीएफसी बैंक की ग्रुप हेड–सीएसआर, बिजनेस फाइनेंस & स्ट्रेटजी, एडमिनिस्ट्रेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर आशिमा भट कहती है कि ‘परिवर्तन’ हमारा एक तरीका है देश भर के लाखो लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का। हम उन सभी लोगों के जीवन में समग्र और दीर्घकालीन परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे है, जिससे देश का भी विकास होगा। हम अपने स्टेक-होल्डर्स के विकास के लिए काम करना चाहते हैं।
96 लाख महिला लाभार्थियों के साथ सस्टेनेबल लाइवहुड इनिशिएटिव 5 करोड़ भारतियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह 3. 84 करोड़ लोगों के बराबर है। इस प्रयास के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार के लिए ट्रेनिंग, आर्थिक शिक्षा और ऋण हेतु जानकारी दी जाती है। साथ ही उन्हें स्वयं सहायता समूह या सहकारी समितियों द्वारा ऋण लेने में मदद भी की जाती है।15 लाख शिक्षक और 1. 6 करोड़ विद्यार्थियों के साथ ‘टीचिंग द टीचर’ कार्यक्रम दूसरा सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर है। इसके बाद समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम, हेल्थकेयर और स्वच्छता, कौशल प्रशिक्षण, रोजी रोटी बढ़ाने के लिए प्रयास भी किये जा रहे हैं।