भारतीय अर्थव्यवस्था में जो बदलाव आ रहा है उस की वजह से भारतीय कंपनियों की तरक्की की रफ्तार सुस्त पड़ गई है. इसकी वजह से कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में ज्यादा बढ़ोतरी नही कर पा रही हैं. साल 2018-19 में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की सैलरी में बढ़त पिछले एक दशक में सबसे कम हुई है. निजी क्षेत्र के वेतन में पर्याप्त बढ़ोतरी न हो पाने की कई वजह हैं. काफी समय से कंपनियों का कारोबार अच्छा नहीं चल रहा. प्रोवेस डेटाबेस में शामिल कंपनियों की पिछले चार साल से वास्तविक बिक्री में बढ़त नेगेटिव रही है. इसकी वजह से कंपनियां लागत में कटौती जैसे उपाय कर रही हैं और वेतन में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं की जा रही.