यूपी- गोरखपुर में एक कार्यक्रम में नारायणमूर्ति जी ने कहा, “लगभग कई वर्षो में पहली बार हमारे पास एक आर्थिक वातावरण बना है जो विश्वास दिलाता है कि हम सच में अपनी गरीबी को दूर कर सकते हैं और लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं.”  उन्होंने कहा, ” हमारी अर्थव्यवस्था इस साल 6 से 7 फीसदी की दर से बढ़ रही है. भारत दुनिया का सॉफ्टवेयर विकास केंद्र बन गया है. वहीं विदेशी मुद्रा भंडार ने 400 बिलियन डॉलर को पार कर लिया है. इन हालातों में निवेशक का विश्वास ही सबसे बड़ी बात है.” इसी के समनांतर हमारे देश में एक और भारत बसता है. उस भारत में भयानक गरीबी भुखमरी, कुपोषण और भ्रष्टाचार है. करोड़ों भारतीय न लिख सकते हैं और न पढ़ सकते हैं. लोगों को साफ पानी और जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इन सभी का अनिश्चित भविष्य है. ऐसे हालात में हमें इन लोगों को साथ लेकर चलना होगा. अगर हम आज कड़ी मेहनत करते हैं, तो हम आखिरी लाइन में खड़े गरीब बच्चे की आंखों से आंसू पोंछ सकते हैं. ऐसा ही महात्मा गांधी भी चाहते थे.”