मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने 3000 अस्थायी कर्मचारियों का कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया और यह फैसला मंदी के समय लिया गया। स्लोडाउन के कारण ऑटो कंपनियां अब तक करीब 20 हजार लोगों को नौकरी से निकाल चुकी हैं। वहीं, 13 लाख लोगों की नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि जुलाई में 9 महीने से लगातार ऑटो सेल्स में गिरावट देखने को मिल रही है। कई वाहन निर्माता कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं या उत्पादन को अस्थायी रूप से रोक रहे हैं। सुजुकी सरकार की इलेक्ट्रिक वीइकल की योजना पर भी काम कर रही है। इस साल मारुति, सीएनजी कारों की संख्या में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी कर रहा है।