मुंबई: झारखंड में रामगढ़ जिले के जंगलों के बाहरी हिस्सों में स्थित छोटा सा गांव, कचूडग आज देश का 1100 वां गांव बन गया, जहां एचडीएफसी बैंक के फ्लैगशिप अभियान, परिवर्तन के तहत होलिस्टिक रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम(एचआरडीपी) के माध्यम से जिंदगियों में परिवर्तन लाया गया है। सामाजिक अभियानों के लिए अम्ब्रेला ब्रांड, परिवर्तन द्वारा बैंक का उद्देश्य सतत व सामाजिक बदलाव लाना है।एचआरडीपी ने भारत के 16 राज्यों में 14 लाख से अधिक नागरिकों की जिंदगियों को लाभान्वित किया है।
यह 5 प्रमुख क्षेत्रों में केंद्रित रहते हुए गांवों के जीवन में सुधार करता है। ये क्षेत्र हैं:
- शिक्षा
- कौशल प्रशिक्षण एवं आजीविका सुधार
- प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
- जल व स्वच्छता
- वित्तीय साक्षरता एवं समावेषन
अद्वितीय कार्यक्रम के तहत गांव का पूर्ण विशलेषण किया जाता है और यहां विकास की जरूरतों को समझा जाता है। इन जरूरतों को सतत व प्रभावशाली तरीके से पूरा करने के लिए बैंक एक एनजीओ एवं स्थानीय समुदाय के साथ साझेदारी में दीर्घकालिक समाधान का विकास करता है। एचआरडीपी के हितग्राहियों में छोटे किसान, युवा, भूमिहीन मजदूर, बच्चे और महिलाएं हैं।
मिस आशिमा भट्ट, ग्रुप हेड- सीएसआर, एचडीएफसी बैंक ने कहा, ‘‘परिवर्तन की कहानियां सुनकर बहुत संतोष मिलताहै।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एचडीएफसी बैंक पर हमारा मानना है कि भारत में समावेषी विकास लाने के लिए हमारे गांवों का संपूर्ण विकास आवष्यक है। एचआरडीपी द्वारा हम देष में दूरदराज के इलाकों में सतत समुदायों का निर्माण करके अपना दायित्व निभा रहे हैं।’’
31 मार्च, 2019 को समाप्त हुए वर्ष में एचडीएफसी बैंक ने काॅर्पोरेट सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी पर 443.77 करोड़ रु. खर्च किए और लगातार तीसरे साल नियमानुसार 2 प्रतिशत अनिवार्य खर्च का लक्ष्य पूरा किया।