बीते सालों में बैंकों में हुए घोटाले के चलते भारतीय रिजर्व बैक द्वारा बैंको पर नियम कड़े किए गए थे। वहीं पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक को इन नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। ऐसे में केन्द्रीय बैंक ने इस बैंक के किसी भी प्रकार के व्यापारिक लेन-देन पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली। बीते सालों में बैंकों में हुए घोटाले के चलते भारतीय रिजर्व बैक द्वारा बैंको पर नियम कड़े किए गए थे। वहीं पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक को इन नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। ऐसे में केन्द्रीय बैंक ने इस बैंक के किसी भी प्रकार के व्यापारिक लेन-देन पर रोक लगा दी है। आरबीआई द्वारा बैंक पर की गई कार्रवाई के तहत अब इस बैंक के ग्राहकों को अगले 6 महीने तक पैसा निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही बैंक में कोई नया फिक्सड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुल पाएगा। इसके अलावा बैंक से अगले 6 महीने तक सेविंग, करंट या अन्य खाते में से 1000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकेंगे। वहीं बैक के किसी भी प्रकार का निवेश करने, फ्रेश डिपॉजिट स्वीकार करने आदि पर भी रोक लगाई गई है। हांलाकि रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि पीएमसी बैंक का लायसेंस निरस्त नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि आरबीई अपने निर्देशों में स्थित को देखकर संशोधन भी कर सकता है।
इस पूरे मामले पर पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी जॉय थॉमस ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि ‘हमें आरबीआई के नियमों के उल्लंघन का खेद है। इस वजह से 6 महीने तक हमारे ग्राहकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बतौर एमडी मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। इसके साथ ही सभी जमाकर्ताओं को यह सुनिश्चित करता हूं कि 6 महीने से पहले हम अपनी कमियों को सुधार लेंगे।’