नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से 24 अक्टूबर को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर दिए गए फैसले को लेकर भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और टाटा टेलिसर्विस ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। बता दे कि शीर्ष अदालत ने लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फीस के भुगतान की गणना के लिए एजीआर में नॉन-टेलीकॉम रेवेन्यू को शामिल करने का आदेश दिया था।
ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों की सरकार को देनदारी बढ़ गई। जिसके बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने दिसंबर से टैरिफ बढ़ाने का एलान किया है। इसके अलावा रिलायंस जियो ने भी अगले महीने से मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है।
इधर, मोदी कैबिनेट ने वित्तीय संकट का सामना कर रही दूरसंचार कंपनियों के लिए राहत का एलान करते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के टालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिए स्पेक्ट्रम किश्त भुगतान से छूट देने का एलान किया था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केन्द्र सरकार के इस फैसले के चलते दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।