नई दिल्ली। भारत की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 प्रतिशत रही। गिरती विकास दर के कारण लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। इससे सरकार चिंतित नजर आ रही है। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी कुछ दिन पहले केंद्र सरकार को अर्थव्यवस्था सुधारने के उपाय बता चुके हैं। इसी बीच एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बुधवार को 6.50 फीसदी से घटाकर 5.10 फीसदी कर दिया है। इससे पहले सितंबर और जुलाई में भी एशियाई विकास बैंक ने भारती की विकास दर का अनुमान घटाया था। जुलाई में एडीबी ने 2019-20 के लिए वृद्धि दर का अनुमान घटाकर सात फीसदी किया था और सितंबर में इसे 6.50 फीसदी किया था। इससे पहले आरबीआई ने मैद्रिक नीति की समीक्षा बैठक के दौरान विकास दर का अनुमान घटाया था। रिजर्व बैंक के मुताबिक साल 2019-20 के दौरान जीडीपी में और गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी से गिरकर पांच फीसदी पर आ सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। गौरतल है कि जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है। हालांकि मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन का कहना है कि भारत की आर्थिक सुस्ती ढांचागत के बजाय चक्रीय ज्यादा है और सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए पूरी तैयारी के साथ सुधार के एजेंडे पर काम कर रही है।