नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवसथा को बड़ी राहत मिली है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में औद्योगिक उत्पादन में 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि पिछले साल समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी। बता दे कि इससे पहले लगातार बीते दिन महिनों (अगस्त, सितंबर और अक्टूबर) में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी।

अक्टूबर माह में औद्योगिक उत्पादन में 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी, जबकि सितंबर महीने में 4.3 फीसदी और अगस्त महीने में 1.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। बता दें कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में कुल 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि 2018- 19 के दौरान इसमें पांच फीसदी वृद्धि हुई थी।

आंकड़ों के मुताबिक उद्यौगिक उत्पादन सेक्टर का की विकास 2.7 फीसदी हो गया है जबकि अक्टूबर में यह 06 फीसदी था। वहीं नवंबर में माइनिंग आउटपुट निगेटिव में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि गुड्स आउटपुट 6 फीसदी से घटकर 5.7 फीयदी पर आ गया है।

सरकार ने लगाया पांच फीसदी का अनुमान

बता दे कि केन्द्र सरकार द्वारा बजट से पहले वित्त वर्ष 2019-20 की जीडीपी ग्रोथ का पहला अनुमान जारी किया गया है। जिसके अनुसार चालू वित्त वर्ष में विकास दर पांच पांच फीसदी रहेगी। बता दे कि यह विकास दर बीते एक दशक में सबसे कम है। सरकार द्वारा बजट के बाद फरवरी माह में वित्त वर्ष का दूसरा अनुमान जारी करेगी।

मालूम हो 2018-19 के दौरान विकास दर 6.8 फीसदी थी। इस लिहाज से इसमें करीब 1.8 फीसदी की गिरावट हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले विश्व की कई रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत के जीडीपी अनुमान को काफी घटाया है। मूडीज ने मार्च 2020 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान 5.8 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है। वहीं फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी दर 4.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। जबकि 2020-21 के लिए 5.6 फीसदी और 2021-22 के लिए 6.5 फीसदी की संभावना जताई गई है।