इंदौर 10 फ़रवरी 2020 : एयरकंडीशनिंग सिस्टम, गर्मी से राहत तो दिलवाता है लेकिन यदि उसका रखरखाव सही तरीके से ना हो तो ये बीमारी भी दे सकता है। एसी क्लिनिंग के परंपरागत तरीकों में सिर्फ फिल्टर से धूल हटाई जाती है जबकि एसी में बैक्टिरिया भी होते हैं। इन बैक्टिरिया से सर्दी, खांसी, चमड़ी की बीमारी, टीबी और दूसरी वायरल बीमारियां होने का खतरा रहता है। आमतौर पर घरेलू उपयोग में आने वाले एयरकंडीशनर को तीन महीने में सर्विस करवाया जाना चाहिए। दुकान जैसी व्यावसायिक जगहों पर दो महीने और होटल एवम हॉस्पिटल को हर महीने एसी सर्विसिंग करवाना चाहिए।
इंदौर के दो युवाओं इरशाद मुबीन और यजुवेंद्र सिंह सिसौदिया ने “एसी डॉक्टर” के नाम एक स्टार्टअप शुरू किया है। यूनाइटेड किंगडम सरकार की इनोवेटर स्कीम का पहला राउंड हम क्वालिफाय कर चुके हैं। हमने स्टार्टअप के नाम और सर्विस की हमारी प्रक्रिया को रजिस्टर करवा रखा है। पेटेंट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। ये सब इसलिए क्योंकि हम यूनाइटेड किंगडम सरकार की इनोवेटर स्कीम के तहत अपने स्टार्टअप को वहां ले जाना चाहते हैं। यूके की वेंचर फंडर कंपनी के ज़रिए हम इस स्कीम के तहत होने वाली चयन प्रक्रिया का पहला राउंड हम पार कर चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा- हम एसी को सिर्फ क्लीन नहीं करते बल्कि उसे स्टरलाइज़ करते हैं। क्लिनिंग का हमारा तरीका ना सिर्फ प्रभावशाली है बल्कि परंपरागत तरीकों के मुकाबले सस्ता भी है। एयरकंडीशन की क्लिनिंग में केवल धुल ही साफ नहीं करते बल्की एयरकंडीशन को स्टरलाइज़ करते है और उसके बैक्टिरिया को ख़त्म करते है जिससे आपको शुद्ध हवा मिल सकें l साथ ही बिजली की खपत भी कम होती है जिस्से की आपके घरेलु बजट भी प्रभावित होता है l