इंदौर: जिस तरह से वाहनों को कुछ सालों बाद मरम्मत की जरुरत पड़ती है, ठीक उसी तरह से मकान को भी कुछ वर्षों बाद मरम्मत की जरुरत पड़ती है। इसी को ध्यान में रखते हुए वालप्लास्ट ने रेडीमेट प्लास्टर और अन्य मटेरियल की ओर एक कदम बढ़ाया है। किसी मकान को बने हुए 30-35 साल हो गए है तो हम उसे रिनोवेट करते है और यही उनकी मुख्य पहचान है। इनका मार्केट ग्रामीण क्षेत्र में फैला हुआ है और विश्वास भी बना हुआ है।

वालप्लास्ट  के CEO मिलन ठक्कर ने बताया कि मध्य भारत में अपनी जरूरते पूरी करने के लिए उन्होंने कटनी में अपना नया प्लांट शुरू किया है। हमारा रेडी टू यूज़ प्लॉस्टर इस्तेमाल करने में भी काफी आसान होता है इसमें किसी भी तरह कि कोई झंझट नहीं होती, नार्मल प्लास्टर में उसको पानी में घोलों फिर मिलाओं फिर उसे इधर-उधर लेकर जाओ। इसलिए हमने हमारे प्रोडक्ट में इन सारी तकलीफों को दूर कर दिया है।

मोर्टार और एडहेसिव दो इनोवेटिव प्रोडक्ट है, एडहेसिव का उपयोग टाइल को लगाने के लिए होता है। आज पूरी तरह से एक सोल्युशन प्रोवाइडर बन चुके है। टाइल और ब्लॉक वाले दोनों के मटेरियल अलग-अलग है, दोनों के केमिकल कम्पोजीशन अलग होते है। यह दोनों के लिए सोल्युशन मटेरियल बनाते है। एमपी में इंदौर और यूपी में लखनऊ फोकस्ड मार्केट है। प्लांट कटनी, अलवर, बड़ोदा में उपस्थित है।