मुंबई : आदित्य बिरला समूह की फ्लैगशिप कम्पनी, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड को इस वर्ष टैक्सटाइल तथा अपैरल सेक्टर में सीएसआर अर्थात कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के लिए वर्ष 2019 के प्रतिष्ठित ‘गोल्डन पीकॉक अवार्ड’ का विजेता घोषित किया गया। यह सम्मान उसे उसके प्रोजेक्ट ‘इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट’ के लिए प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत संस्थान द्वारा किये गए विभिन्न कार्यों जैसे वाटरशेड प्रबंधन, एनिमल हसबैंड्री (पशु पालन), कृषि तथा हॉर्टिकल्चर, सामुदायिक स्वास्थ्य (कम्युनिटी हेल्थ) इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा सामाजिक मुद्दों के हल प्रस्तुत करने के प्रयास आदि शामिल थे।
श्रीमती राजश्री बिरला, चेयरपर्सन, आदित्य बिरला सेंटर फॉर कम्युनिटी इनिशिएटिव्स एन्ड रूरल डेवलपमेंट, ने इस अवसर पर सीएसआर दृष्टिकोण को व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ मिलाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा- ग्रेसिम नागदा में अपने पहले विस्कोज स्टेपल फाइबर मेन्युफेक्चरिंग प्लांट के साथ ही ‘मेक इन इंडिया’ की सफल कहानियां लिखने वाले अग्रणी लोगों में अपने नाम का शुमार कर चुका है। 1947 में इसकी स्थापना के साथ ही ग्रेसिम ने समाज से जो पाया उसे वापस लौटाने को प्रतिबद्ध रहा है। इसी प्रतिबद्धता ने नागदा व उसके आसपास के गाँवों के प्रभावपूर्ण परिवर्तन के लिए प्रेरित किया, ग्रेसिम के निरंतर फोकस ने प्लांट के आस-पास रहने वाले ग्रामीणों पर बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। बीते दशकों में ग्रेसिम इंडस्ट्रीज ने अपने 3 स्कूलों तथा 2 अस्पतालों में अत्याधुनिक शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया करवाई हैं।
इस अवसर पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए, श्री दिलीप गौर, मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज ने कहा –‘हमारा लक्ष्य नागदा व इसके आस पास स्थित गांवों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। हम निरंतर व पूरे उत्साह से सामुदायिक स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थाई जीवनस्तर सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर काम कर रहे हैं। नागदा में हमारे कम्युनिटी इंगेजमेंट कार्यक्रम में 55 गाँव तथा 25 शहरी बस्तियां शामिल हैं जिनके जरिये हम 1 लाख से भी अधिक लोगों तक अपने कार्यक्रमों का लाभ पहुंचा रहे हैं।
गोल्डन पीकॉक अवार्ड्स ज्यूरी के चेयरमैन माननीय न्यायाधीश श्री एम एन वेंकटचलैया, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स तथा पूर्व मुख्य न्यायाधीश, भारतीय सुप्रीम कोर्ट तथा इस पुरस्कार के को-चेयरमैन जस्टिस (डॉ.) अरिजीत पसायत, पूर्व न्यायाधीश, भारतीय सुप्रीम कोर्ट, थे। पुरस्कार के लिए प्राप्त आवेदनों का तीन स्तरों पर स्वतंत्र मूल्यांकन किया गया था और इनमें से अंतिम चयन ग्रैंड ज्यूरी द्वारा किया गया।