कोरोना के चलते हिण्डालको महान द्वारा महिलाओ के स्वावलम्बन हेतु संचातिल दिव्य महिला स्वःसहायता समूह जिसमें महिलाओ के द्वारा मच्छरदानी की जगह पर अभी वर्तमान समय में प्रतिदिन मास्क का निर्माण किया जा रहा है और उन गरिब लोगो तक पहुंचाया जा रहा है जिनके पास मास्क नही है। इसका इस्तेमाल इसे धोकर भी किया जा सकता है। यह लाॅकडाउन दिव्य महिला स्वःसहायता समूह के लिये सुनहरे अवसर के रुप में आया है जो देश की सेवा के साथ-साथ घर खर्च हेतु अपनी आय भी कमा रही है।

यह महिलाये प्रतिदिन 500 से ज्यादा मास्क का निर्माण करती है। कोरोना की महामारी में ये महिलाये घर खर्च के लिये पैसे कमा लेती है और अपने जीवनयापन के साथ-साथ समाज के बारे में भी सोच रही है। दिव्य महिला स्वःसहायता समूह के द्वारा बने हुये मास्क महान सीएसआर के माध्यम से गांव के साथ-साथ वनांचलो क्षेत्र में भी जहां पहाडो पर निवासरत आदिवासी रहते है उन्हे इस मास्क के बारे में अवगत कराकर इससे हम खुद को किस प्रकार से सुरक्षित कर सकते है की जानकारी दी। महिला दिव्य स्वःसहायता समुह में कुछ महिलाये ऐसी भी है जो महान द्वारा संचालित सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त की है और इस संगठन का हिस्सा बनी है।

दिव्य महिला स्वःसहायता समुह हिण्डालको महान सीएसआर कि देन है जिन्होने महिलाओ हेतु जागरुकता व सशक्तिकरण कार्यकम कर उनको अपने पैरो पर खड़ा होने के लिये शिक्षा हेतु कोचिंग सेन्टर, सिलाई सेन्टर, ब्यूटीपार्लर, पौढ़ शिक्षा के साथ-साथ समूह संगठन का निर्माण जिससे महिलाये स्वावलम्बन हो सके और अपने घर का खर्च उठा सके।

इस प्रकार से इस कोरोना काल में दिव्य महिला स्वःसहायता समूह के द्वारा बनाये हुये मास्क महान सीएसआर प्रतिदिन लोगो में बांटकर ‘‘हम इस कोरोना महामारी की लड़ाई में आपके साथ है‘‘ का संदेश दे रहे है। साथ ही हिण्डालको महान सीएसआर महिला दिव्य स्वःसहायता समूह की महिलाओ को मास्क निमार्ण हेतु ध्न्यवाद देता है।