सिंगरौली: कोरोना महामारी में उसके संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिये हिण्डालको महान के सीएसआर विभाग प्रमुख यसवंत कुमार के नेतृत्व में सीएसआर टीम लगातार सेवा कर रही है और आगे भी करती रहेगी। महान सीएसआर टीम कोरोना के खिलाफ चल रहे युध्द को पूर्ण रुप से जीतने में लगी है।
उन्नत बीज का वितरण :-
हिण्डालको महान द्वारा जागरुकता व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिससे कोरोना काल में किसानो को आर्थिक रुप से राहत पहुचाने के लिये साथ ही कम दामो में अच्छे उन्नत किस्म के बीज प्राप्त हो इसके लिये समय-समय पर खेती-बाडी से जुडी जानकारीयां व देश –प्रदेश में सरकार द्वारा संचालित योजनाओ का किसानो को सीधा लाभ मिल सके। कृषि विभाग सिंगरौली व हिण्डालको सीएसआर विभाग के तत्वाधान में हिण्डालको महान द्वारा अतिरिक्त सबसिडी प्रदान कर ग्राम बडोखर, डगा, कनई, घिनहां गाव, पोखरा, मझिगवां, गिधेर में उन्नत किस्म के धान, मक्का, उड़द ओर अरहर के बीज उपलब्ध कराये गये।
आरोग्य सेतु एप जागरुकता शिविर का आयोजनः-
आरोग्य सेतु जागरुकता शिविर का आयोजन 17 गांव में किया गया। इस शिविर में आरोग्य सेतु एप के महत्व व कोरोना महामारी से बचाव हेतु इस एप की मदद से आसानी से अर्लट किया जा सकता है व आस-पास में कोरोना पीड़ित व्यक्ति की पहचान कर उससे दूरी बना कर इस रोग से बचा जा सकता है। वही जागरुकता शिविर में यह एप एनडा्रॅइड मोबाइल धारीयो के फोन में डाउनलोड कराया गया।
गर्भवती महिलाओ व कुपोषित बच्चे पर भी दिया गया ध्यानः–
हिण्डालको महान की सीएसआर टीम ने लॉकडाउन में ऐसे जरुरतमंदों व परिवारों का ख्याल रखा जहां गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के कारण राशन लेने भी नही जा सकती। ऐसे में सीएसआर टीम ने ओड़गड़ी, खेखड़ा, जोबगढ़, बेटहाड़ाड, बड़ोखर में जरुरतमन्द गर्भवती महिलाओ को पोषण आहार किट का वितरण किया जिसमें गुड़, चना, फल और हॉरलिक्स जैसे पोषक तत्वों से खाद्य सामग्री प्रदान की साथ ही साबून, मास्क का भी वितरण कर उन्हें आवश्यक स्वच्छता निर्देषो से अवगत कराया। साथ ही जन्म लेने वाला बच्चा कुपोषित न हो व क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को भी पोषक आहार किट प्रदान किया गया।
लॉकडाउन में जहां लोगो का रोजगार पूरी तरह से प्रभावित हो गया ऐसे वक्त में हिण्डालको महान सीएसआर टीम ने उनके जीवकोपार्जन व आय अर्जन का ख्याल रखते हुये उन्हे 15 हजार मास्क बनाने का आर्ड्रर दिया गया व उनके द्वारा बनाये गये हैण्डवॉष का वितरण किया गया जिसमें स्वःसहायता समूह को इस मन्दी के दौर में भी आय-अर्जन का माध्यम मिला।