“कोरोना के संक्रमण बीच उत्पन्न हुए हालात में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता सबसे जरूरी है। हम अपने सस्टेनिबिलीटी कार्यक्रम के द्वारा स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के तहत फेस मास्क तैयार करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं । जल्द ही इनके लिए दोना पत्ता निर्माण के लिए उन्हें मशीन उपलब्ध कराया जाएगा और उनके द्वारा तैयार सामान को एनआरएलएम के माध्यम से सीधे बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास है ताकि यह उनके लिए आय का साधन बन सके।“
इस बारे में बात करते हुए सामरी माइन्स, हिंडाल्को के यूनिट हेड राजेश रंजन अमबष्ठ ने बताया कि “कोरोना के संक्रमण बीच उत्पन्न हुए हालात में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता सबसे जरूरी है। हम अपने सस्टेनिबिलीटी कार्यक्रम के द्वारा स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के तहत फेस मास्क तैयार करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं । जल्द ही इनके लिए दोना पत्ता निर्माण के लिए उन्हें मशीन उपलब्ध कराया जाएगा और उनके द्वारा तैयार सामान को एनआरएलएम के माध्यम से सीधे बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास है ताकि यह उनके लिए आय का साधन बन सके। “
उल्लेखनीय है कि हिंडाल्को द्वारा सीएसआर के तहत पूरे सामरी खनन क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना, पेयजल व अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। कंपनी द्वारा स्वयं सहायता समहू की महिलाओं के लिए संचालित टेलरिंग सेंटर में स्थानीय महिलाएं प्रशिक्षण पाकर अब उत्पाद तैयार करने लगी हैं। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए इन्होंने स्वच्छ और संक्रमणमुक्त माहौल में फेस मास्क का निर्माण किया है।
वहीं हिंडाल्कों के माइनिंग हेड श्री प्रमोद उंडे ने बताया कि कंपनी अपने सामुदायिक जिम्मेवारियों के प्रति सजग है और स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर कई सस्टेनीबिलिटी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।