बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने मार्च तिमाही के दौरान कंपनियों में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी बेचकर मुनाफा वसूली की। प्राइम डेटाबेस की एक रिपोर्ट में बताया गया कि एक प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी वाली 296 कंपनियों में उसका कुल निवेश दिसंबर 2020 के 3.70 प्रतिशत के मुकाबले घटकर मार्च में 3.66 प्रतिशत रह गया, जो अब तक सबसे कम है।

प्राइम डेटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि ऐसा एलआईसी द्वारा मुनाफा वसूली करने के कारण हुआ, जबकि 2012 में यह निवेश पांच प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। दिलचस्प बात यह है कि मूल्य के लिहाज से मार्च में एलआईसी की इक्विटी परिसंपत्ति सर्वकालिक उच्च स्तर 7.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो 6.30 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है। गौरतलब है कि इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी क्रमश: 3.70 प्रतिशत और 5.10 प्रतिशत बढ़े।

इक्विटी में बीमा कंपनियों का निवेश 31 मार्च 2020 के अंत तक घटकर पांच साल के निचले स्तर 4.80 प्रतिशत पर आ गया, जो 31 दिसंबर 2020 में पांच प्रतिशत था। हालांकि, मूल्य के लिहाज से इसमें पिछली तिमाही के मुकाबले 3.09 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। बीमा कंपनियों के इक्विटी निवेश में एलआईसी की तीन-चौथाई से अधिक हिस्सेदारी है। हल्दिया ने कहा कि इस तरह म्यूचुअल फंड का निवेश 31 मार्च 2021 को घटकर 7.23 प्रतिशत रह गया, जो इससे पिछली तिमाही के अंत में 7.42 प्रतिशत था। ये लगातार चौथी तिमाही है, जब म्यूचुअल फंड ने अपनी हिस्सेदारी बेची।