क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के प्रति लोगों की बढ़ती लोकप्रियता से भारत में मौजूद निवेशक भी इसमें तेजी से इंवेस्ट कर रहे हैं. मगर डिजिटल करेंसी के वजूद को लेकर सवाल बने हुए है. यही वजह है कि देश के बड़े बैंकों एचडीएफसी (HDFC Bank) और एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज (SBI Cards & Payment Services) ने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वाले ग्राहकों को चेतावनी दी थी. इसमें ऐसे खाताधारकों के अकाउंट को स्थायी रूप से बंद किए जाने की बात कही थी, लेकिन इस मामले में रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने लोगों को राहत दी है. आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश जारी कर कहा कि वे डिजिटल करेंसी में निवेश को लेकर उसके आदेश का हवाला न दें.

RBI ने अधिसूचना में कहा, “मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चला कि कुछ बैंकों एवं विनियमित संस्थाओं ने अपने ग्राहकों को RBI के साल 2018 में जारी एक सर्कुलर का हवाला देते हुए डिजिटल करेंसी में लेन-देन न करने का हवाला दिया है. मगर बैंको और विनियमित संस्थाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि इस सर्कुलर को 04 मार्च, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था.”

आरबीआई ने यह भी कहा, “बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाएं, अपने ग्राहक को (केवाईसी), एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) के मानकों को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन की प्रक्रियाओं को जारी रख सकती है.

मालूम हो कि एसबीआई कार्ड्स ने क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने वालों ग्राहकों को ई-मेल भेजा है. इसमें कहा गया है कि अगर ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने के लिए अपने कार्ड का उपयोग करते हैं तो सेवाओं में कटौती की जा सकती है. इतना ही नहीं एसबीआई क्रेडिट कार्ड को निलंबित या रद्द भी कर सकता है. वहीं, HDFC बैंक क्रिप्टोकरेंसी में डील करने वाले ग्राहकों का खाता स्थायी रूप से बंद करने की चेतावनी दी है.