कुक ने कहा कि एपल की डिवाइस के लिए सिर्फ एक ही एप स्टोर है, जबकि एंड्रॉयड डिवाइस के एप के लिए कई सारे स्टोर हैं। आईओएस डिवाइस की सिक्योरिटी के लिए ही किसी अन्य एप स्टोर की अनुमति नहीं दी गई है।
एंड्रॉयड की सिक्योरिटी को लेकर तो हमेशा से ही सवाल उठते रहते हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर किसी कंपनी के सीईओ ने अभी तक ऐसा नहीं कहा था। अब एपल के सीईओ टिम कुक ने एक लाइव चैट शो में कहा है कि आईओएस के मुकाबले एंड्रॉयड डिवाइस में 47 फीसदी ज्यादा मैलवेयर होते हैं। उन्होंने कहा कि एंड्रॉयड के मुकाबले एपल अपनी डिवाइस की प्राइवेसी पर अधिक फोकस करता है।
टिम कुक ने एंड्रॉयड की सिक्योरिटी को कमजोर बताते हुए कहा है कि एंड्रॉयड में साइडलोडिंग बहुत ज्यादा होती है, जबकि आईओएस में ऐसा नहीं है। साइडलोडिंग का मतलब किसी डिवाइस में थर्ड पार्टी एप का डाउनलोड होना है। आमतौर पर आपने देखा होगा कि एंड्रॉयड में एपीके फाइल के जरिए भी एप को इंस्टॉल किया जाता है, जबकि आईफोन में ऐसा नहीं है।
कुक ने कहा कि एपल की डिवाइस के लिए सिर्फ एक ही एप स्टोर है, जबकि एंड्रॉयड डिवाइस के एप के लिए कई सारे स्टोर हैं। आईओएस डिवाइस की सिक्योरिटी के लिए ही किसी अन्य एप स्टोर की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा एप स्टोर पर किसी भी एप को पब्लिश करने से पहले उसकी जांच-पड़ताल की जाती है।
वैसे तो गूगल के प्ले-स्टोर पर भी एप रिव्यू और जांच-पड़ताल के बाद ही पब्लिश होते हैं लेकिन गूगल प्ले-स्टोर पर अक्सर मैलवेयर को लेकर शिकायत मिलती है। कई बार डेवलपर्स ही गूगल को चकमा देकर मैलवेयर और एडवेयर वाले एप को पब्लिश कर देते हैं तो कई बार बैन हो चुके एप भी दूसरे नाम से स्टोर पर आ जाते हैं। बता दें टिम कुक ने ये बातें VivaTech 2021 इवेंट में कही है। इस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। इसे यूरोप का सबसे बड़ा इवेंट बताया जा रहा है।