स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुवाई में बैंकों का एक ग्रुप देश से भागे हुए कारोबारी विजय माल्या की तीन कंपनियों में शेयरहोल्डिंग बेचकर किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 6,200 करोड़ रुपये से अधिक के लोन की रिकवरी करेगा। यूनाइटेड ब्रूवरीज लिमिटेड, यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड और मैकडॉवेल होल्डिंग्स लिमिटेड में माल्या के शेयर्स बल्क डील्स के जरिए 23 जून को बेचे जाएंगे।

माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस अक्टूबर 2012 से बंद है। माल्या को जनवरी 2019 में लोन पर डिफॉल्ट करने और कथित तौर पर बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए देश से भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। वह ब्रिटेन की अदालतों में प्रत्यर्पण के खिलाफ मामला लड़ रहे हैं।

अगर माल्या के शेयर्स की बिक्री होती है तो यह बैंकों की किंगफिशर विजय माल्या मामले में पहली बड़ी रिकवरी होगी। किंगफिशर को दिया गया लोन 2012 के अंत में नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) बन गया था। माल्या ने मार्च 2016 में देश छोड़ा था। उन पर 17 बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।

मिले डॉक्युमेंट्स के अनुसार, शेयर्स की बिक्री बेंगलुरू के डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल (DRT) की निगरानी में होगी, जिसने रिकवरी ऑफिसर को 6,203 करोड़ रुपये के लोन की रिकवरी के लिए शेयर्स बेचने को अधिकृत किया है।

अगर ब्लॉक डील के तहत शेयर्स की बिक्री नहीं हो पाती तो बैंक ब्लक या रिटेल के जरिए से शेयर्स बेच सकते हैं।

किंगफिशर को लोन देने वाले बैंकों में SBI के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, IDBI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, फेडरल बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं।