इंदौर : भारत सरकार के मेक इन इंडिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को ध्यान में रखते हुए भारत की अग्रणी आयुर्वेदिक हेल्थकेयर कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने आज मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी अत्याधुनिक और पर्यावरण हितैषी फैक्ट्री बनाने की घोषणा की है। चरण बद्ध तरीके से इस प्रोजेक्ट में करीब 550 करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे।

इस यूनिट में खाद्य पदार्थ, आयुर्वेदिक दवाएं और हेल्थ सप्लीमेंट्स का उत्पादन किया जाएगा। कंपनी की साइट पर आज भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें डाबर इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-ऑपरेशन श्री शाहरुख ए. खान और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। कोविड-19 के तहत जारी प्रोटोकॉल के मद्देनजर भूमिपूजन का कार्यक्रम सीमित लोगों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।

इस नई फैक्ट्री के निर्माण की पहले चरण की योजना राज्य सरकार की मेगा प्रोजेक्ट स्कीम के साथ-सात केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम के तहत किया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 के अंतर्गत सूचीबद्ध की गई है। स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क के पास स्थापित होने वाली यह यूनिट शुरुआती दौर में 1250 लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार देगी जबकि यूनिट पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद 3 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

डाबर इंडिया लिमिटेड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मोहित मल्होत्रा ने कहा, “इस प्रोजेक्ट के लिए डाबर ने जो निवेश किया है, वह मध्यप्रदेश में किया जाने वाला अकेला सबसे बड़ा निवेश है। यह बताता है कि हम आयुर्वेद के पारंपरिक विज्ञान के प्रचार-प्रसार को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर स्पष्ट हैं। बेहतर योजना से हम इन्हें पूरा करेंगे।

हमारी जरूरत है आधुनिक प्लांट की, जो बेहतर प्रदर्शन के जरिए कंपनी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाए। इससे हम न सिर्फ लोगों की आयुर्वेदिक उत्पादों और दवाओं की मांग को पूरा कर सकेंगे बल्कि भविष्य में नए खाद्य पदार्थों को बाजार में लाने और बनाने के लिए एक प्लेटफार्म भी तैयार कर सकेंगे। यह नई फैक्ट्री हमें दुनिया में भारतीय फूड और ब्रेवरेज कैटेगरी में आयुर्दिक उत्पादों और दवाओं के सबसे बड़े उत्पादक की हमारी भूमिका को मजबूती देगी। जैसा कि सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के आने के बाद आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसे में डाबर अपनी 137 साल पुरानी विरासत के आधार पर लगातार आयुर्वेद आधारित उत्पादों का निर्माण कर रहा है ताकि लोगों को बेहतर सेहत मुहैया करवा सके।”

डाबर इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर-ऑपरेशन श्री शाहरुख ए.खान ने कहा, ‘’यह निवेश दर्शाता है कि आयुर्वेद के भविष्य को लेकर डाबर का विश्वास कितना मजबूत है और हम मध्यप्रदेश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’

51 एकड़ में फैला यह नया प्लांट डाबर के लिए सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में से एक बनेगा, जहां बेहतरीन तकनीक के जरिए विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार किए जाएंगे।

श्री खान ने कहा, ‘’यह प्लांट पूरी तरह से ऑटोमैटिक प्रक्रिया के तहत काम करेगा। इसमें पैकेजिंग के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी आधुनिक होगा, जो वितरण श्रंखला और गुणवत्ता प्रबंधन को सुनिश्चित करेगा। गुणवत्ता नियंत्रण का प्रबंधन और उत्पादन प्रक्रिया का साफ-सफाई से भरपूर माहौल उपभोक्ताओं के मन में उस विश्वास को मजबूती देगा कि यहां के उत्पाद गुणवत्ता के मामले में सर्वश्रेष्ठ होंगे। यहां विश्व के मानकों के आधार पर उत्पादों का उत्पादन (GMP) होगा।’’

डाबर के ग्रीन कंपनी के सिद्धांत के तहत नया प्लांट डिजाइन और ऑपरेशन के मामले में ऊर्जा संरक्षण की दिशा में काम करेगा। पर्यावरण पर खास ध्यान दिया गया है। इसके तहत कंपनी ऐसी बिल्डिंग बनाने की कोशिश कर रही है जो ऊर्जा संचय कर सके। डाबर अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी प्रोग्राम को भी स्थानीय स्तर पर आगे बढ़ाएगा। यह कंपनी की प्रतिबद्धता का ही हिस्सा है, जिसके तहत जहां कहीं भी कंपनी ऑपरेशन जारी हो, वहां आसपास सामुदायिक विकास पर जोर दिए जाने की बात की गई है।