मुंबई : भारतीय कंपनियों का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश इस साल जून में बढ़कर 2.80 अरब डालर (20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) हो गया। यह पिछले साल के मुकाबले दोगुना है। एक साल पहले इस दौरान यह आंकड़ा 1.39 अरब डालर (10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) था।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, जून 2021 में कुल विदेशी निवेश में से 1.17 अरब डॉलर गारंटी, 1.21 अरब डालर कर्ज और 42.68 करोड़ डालर शेयर-पूंजी के रूप में रहा।
आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान टाटा स्टील ने सिंगापुर में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी में एक अरब डालर का निवेश किया। विप्रो ने अमेरिका में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में 78.75 करोड़ डालर और टाटा पावर ने मारीशस में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में 13.12 करोड़ डालर का निवेश किया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सिंगापुर में कृषि और खनन आधारित डब्ल्यूओएस में 5.6 करोड़ डालर, इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज ने ब्रिटेन में संयुक्त उद्यम में 5.15 करोड़ डालर, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने मोजाम्बिक में संयुक्त उद्यम में 4.83 करोड़ डालर तथा पहाड़पुर कूलिंग टावर्स ने सिंगापुर में अपनी पूर्ण स्वमित्व वाली अनुषंगी में 4.8 करोड़ डालर का निवेश किया।
इसके अलावा टाटा कम्युनिकेशंस ने सिंगापुर में डब्ल्यूओएस में पांच करोड़ डालर, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने रूस में संयुक्त उद्यम में 4.87 करोड़ डालर तथा डब्ल्यूएनएस ग्लोबल सर्विसेज ने नीदरलैंड में संयुक्त उद्यम में 4.5 करोड़ डालर का निवेश किया।