कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की किल्लत से जुझते लोगो को हर किसी ने देखा है जहां लोगो को जान बचाने के लिये ऑक्सीजन की जरुरत है इसके लिये पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी ना हो, अधिक से अधिक पेड़-पौधो को लगाने की जरुरत है जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे। सरकार द्वारा ‘‘अंकुर‘‘ अभियान की शुरुआत की गई है जिसमें लोग अपने घरो के साथ-साथ, आस-पास के स्थानो व खाली पडे हुये जमीनो पर पेड-पौधे लगाये और वातावरण को सुरक्षित बनाये। वही ‘‘अंकुर‘‘अभियान को बल देने के लिये हिण्डालको महान का पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग ने उद्योगिक परिसर के अन्दर व आस-पास 3000 पौधो का रोपण किया है
हिण्डालको महान का सीएसआर विभाग भी ‘‘अंकुर‘‘ अभियान को पर देने के लिये मैदान में उतर चुका है। हिण्डालको महान द्वारा आस-पास के गोद लिये हुये 17 गांवो में निवासरत किसानो से आवेदन मांगे है, जो फलदार पौधो का उद्यान लगाने के इच्छुक है साथ ही इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते है जिनके पास पौधो की सुरक्षा व सिचाई के लिये पर्याप्त साधन हो हिण्डालको महान ने पौधा वितरण के लिये विन्ध की लोकप्रिय आम की किस्म सुन्दरजा व आम्रपाली के साथ-साथ पपीता, अमरुद व नीबू के पौधो का चयन किया है और किसानो को निःशुल्क दिया जायेगा।
‘‘पौधो से बढ़ेगी आमदनी‘‘ वही हिण्डालको महान के प्रोजेक्ट महान फलोद्यान से किसानो में एक ही फल के उद्यान से आने वाले समय में सभी किसान पौधो से मिलने वाले फलो को बेचकर अपनी आर्थिक स्थिती सुधार सकेगे साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से यह योजना एक बेहतरीन प्रयास है।