भोपाल: सामाजिक अभियानों के लिए एचडीएफसी बैंक के अम्ब्रेला कार्यक्रम, परिवर्तन ने 2020-21 में मध्यप्रदेश में 54.42 लाख लोगों को लाभान्वित किया है। बैंक ने  20  जिलों,  शहडोल,  बैतूल,  रतलाम,  धार,  होशंगाबाद,  सतना,  कटनी,  दतिया,  खरगोन, मंडला,  छिंदवाड़ा,   सागर,  बड़वानी,  खंडवा,  विदिशा,  उज्जैन,  बुरहानपुर,  राजगढ़,  झाबुआ और गुना के 253 गांवों में पहुंचकर यह कार्यक्रम चलाया। परिवर्तन का उद्देश्य देश में आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े समूहों को मुख्य धारा में लाकर उनकी वृद्धि, विकास व सशक्तीकरण करना है। परिवर्तन के माध्यम से बैंक ने देश में 634.91 करोड़ रु. खर्च किए और यह 2020-21  में भारत में सीएसआर के लिए सर्वाधिक निवेश करने वाला संगठन बन गया। यह पिछले साल के मुकाबले 18.5 प्रतिशत ज्यादा था।

एचडीएफसी बैंक के ब्रांच बैंकिंग हेड, श्री प्रतीक शर्मा ने कहा, ‘‘विभिन्न पार्टनरशिप्स द्वारा सस्टेनेबल ईको सिस्टम का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए हम उन कार्यक्रमों की मदद करते हैं, जो समुदायों का उत्थान कर उनका विकास करें। बैंक, सीएसआर विभाग एवं एनजीओ पार्टनर्स की टीमें मिलकर उन क्षेत्रों, स्थानों व लोगों की पहचान करती हैं, जिनके लिए काम किया जाना है। इससे हमें सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं को संबोधित करने में मदद मिलती है। यद्यपि हमारे सभी कार्यक्रम व्यवहारिक हैं, लेकिन जिन प्रयासों से राज्य में सर्वाधिक प्रभाव उत्पन्न हुआ, उनमें 1.99 लाख से ज्यादा टीचर्स को प्रशिक्षित करना शामिल है, ताकि 22.17 लाख विद्यार्थियों तक उसका लाभ पहुंचे। इसके अलावा हमने 1.06 लाख से ज्यादा वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन शिविर चलाए, जिनसे 6.84 लाख से ज्यादा लोगों को लाभ मिला।

एचडीएफसी बैंक ने व्यवहारिक सामाजिक कार्य के लिए परिवर्तन के तहत पाँच क्षेत्रों का चयन किया हैः

  • ग्रामीण विकास
  • शिक्षाको प्रोत्साहन
  • कौशल प्रशिक्षण एवं आजीविका विस्तार
  • स्वास्थ्य एवं हाइज़ीन
  • वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन

इंटीग्रेटेड वार्षिक रिपोर्ट में सस्टेनेबिलिटी का तत्व बैंक द्वारा समुदाय के लिए किए गए कामों को रेखांकित करता है, जिनमें गरीबी उन्मूलन, भूखउन्मूलन, स्वच्छ पानी एवं सैनिटेशन की व्यवस्था करने, गुणवत्ता युक्त शिक्षा, एवं सस्टेनेबल शहरों व समुदायों का निर्माण आदि शामिल हैं।