नई दिल्ली। अनिल अग्रवाल की अगुआई वाला वेदांत समूह अपने कारोबार पुनर्गठन पर विचार कर रहा है, जिसके तहत एल्युमीनियम, लोहा, स्टील और तेल एवं गैस कारोबारों का विघटन कर उन्हें अलग-अलग इकाइयों के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है।

वेदांत समूह के चेयरमैन अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत वेदांत लिमिटेड और उसके तीनों कारोबारों से जुड़ी इकाइयां समानांतर रूप से काम करेंगी। अग्रवाल ने कहा, तीनों प्रमुख कारोबारों में वृद्धि की बड़ी संभावनाएं हैं और हमें लगता है कि समीक्षाधीन मॉडल से इनकी वृद्धि के स्वाभाविक अवसर मिलेंगे और शेयरधारक मूल्य भी बढ़ेगा। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि यह योजना लागू हो जाने पर वेदांत लिमिटेड के एक शेयरधारक को चार गुना शेयर मिल जाएंगे, क्योंकि उसके पास वेदांत के अलावा अन्य तीनों कारोबारों के शेयर भी होंगे। अग्रवाल ने कहा, यह कारोबार पुनर्गठन का वैश्विक मॉडल है और भारतीय उद्योग के नजरिए से भी देखें तो हिंडाल्को अलग कंपनी और टाटा स्टील भी अलग कारोबार है। हम भी ऐसा कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि पुनर्गठन प्रक्रिया की समीक्षा एवं उपलब्ध विकल्पों के बारे में सुझाव देने के लिए निदेशकों की एक समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस काम को बहुत जल्द अंजाम देने का इरादा है। वेदांत समूह जिस तरह की पुनर्गठन योजना पर विचार कर रहा है उस पर अदाणी समूह वर्ष 2015 में अमल कर चुका है। उस समय अदाणी समूह ने ऊर्जा, खनन, गैस एवं पारेषण कारोबारों के लिए अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियां बनाई थीं। वेदांत समूह की अग्रणी कंपनी वेदांत लिमिटेड ने बुधवार को शेयर बाजारों को इस पुनर्गठन योजना की जानकारी दी।

वेदांत के मुताबिक, उसके निदेशक मंडल ने तय किया है कि विभिन्न कारोबारों को उनकी प्रकृति, मात्रा एवं संभावित अवसरों को ध्यान में रखते हुए कंपनी को कॉरपोरेट संरचना की समग्र समीक्षा करनी चाहिए और सभी उपलब्ध विकल्पों पर गौर करना चाहिए। इसमें विलय, अधिग्रहण एवं रणनीतिक भागीदारी जैसे साधन भी शामिल हैं। समूह की कारोबारी संरचना के विस्तृत मूल्यांकन के बाद एल्युमीनियम, लौह एवं स्टील और तेल एवं गैस कारोबारों के लिए एक-एक अलग सूचीबद्ध कंपनी बनाने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है। वेदांत के निदेशक मंडल ने पुनर्गठन की यह प्रक्रिया कॉरपोरेट संरचना को दुरुस्त करने, सभी हितधारकों के हित में और नया कारोबार जुटाने की मंशा से यह निर्णय किया है। चेयरमैन अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि निदेशक मंडल और सलाहकार पुनर्गठन योजना का मूल्यांकन जल्द कर लेंगे और अगले कदम का सुझाव देंगे।