नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में चौतरफा मजबूती को देखते हुए विभिन्न संगठन व संस्थाएं विकास दर अनुमानों में बढ़ोतरी करने लगे हैं। एसबीआई ने सोमवार को जारी अपनी रिसर्च रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष (2021-22) की विकास दर 9.3-9.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

एसबीआई ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष में 8.5-9.0 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान लगाया था। एसबीआई ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2021) में 8.1 प्रतिशत के साथ दुनिया की 28 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज विकास दर भारतीय अर्थव्यवस्था की रहेगी।

दूसरी तरफ, राजस्व वसूली से राजकोषीय घाटे में भी कमी होती दिख रही है। रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पहले 6.8 प्रतिशत था। एसबीआई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी इसलिए दिख रही है क्योंकि देश के 42 प्रतिशत वयस्क को वैक्सीन की दोनों डोज और 81 प्रतिशत से अधिक वयस्क को एक डोज लग चुकी है। कोरोना संक्रमण दर में लगातार कमी हो रही है और अर्थव्यवस्था में चौतरफा तेजी है।

चालू वित्त वर्ष की विकास दर के अनुमान में इसलिए भी बढ़ोतरी की गई है क्योंकि वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन के बाधित होने का भारत पर कोई खास असर नहीं दिखा। वहीं, दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर महंगाई, कोरोना और सप्लाई चेन संबंधी बाधाओं का गहरा असर दिख रहा है। यही वजह है कि इस साल अप्रैल-जून में अमेरिका की जो विकास दर 12.2 प्रतिशत थी, वह जुलाई-सितंबर गिरकर 4.9 प्रतिशत रह गई