कोलकाता। सिविल एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारत में लगभग एक दशक में हवाई यात्रा में शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता है।

उन्होंने विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को हाइलाइट किया। सिंधिया ने बताया कि सरकार क्षेत्रीय और लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर ‘कनेक्टिविटी’ में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। 2025 तक हवाई अड्डों की संख्या मौजूदा के 136 से बढ़ाकर 220 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
सिंधिया ने कहा, ‘70 वर्ष में 74 हवाई अड्डे बने थे। हमने पिछले सात साल में 62 और हवाई अड्डे बनाए हैं। अब हमारे पास 136 हवाई अड्डे हैं। लेकिन यहीं पर हम रुकने वाले नहीं हैं। हमारा लक्ष्य 2025 तक कुल 220 हवाई अड्डों तक पहुंचने का है और इसमें हेलीपोर्ट और वॉटर पोर्ट भी शामिल हैं। हमारे सामने बहुत काम हैं, जिन्हें पूरा करना है। कल हम जेवर हवाईअड्डे (नोएडा के पास) का शुभारंभ करने जा रहे हैं।’
महानगरों को दूसरे एयरपोर्ट की जरूरत : उन्होंने कहा कि संपर्क और यात्रा के लिए एक नया बाजार खुल गया है। नागर विमानन क्षेत्र में अब विकास को दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों द्वारा संचालित किया जाएगा। पहली श्रेणी के शहर अपनी परिपक्वता तक पहुंच चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ज्यादातर महानगरों को अब दूसरे हवाई अड्डे की जरूरत है और सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।