-सीधे आरबीआई के पोर्टल से खरीदें और अपने बचत खाते से जोड़ लें

मुंबई। आम लोगों का डिजिटल गोल्ड में बढ़ता रुझान और उसी तेजी से फर्जीवाड़े की घटना को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक नई सुविधा शुरू की है। आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड में निवेश के लिए नए पोर्टल की शुरुआत की है। निवेशक अब सीधे https://rbiretaildirect.org.in पर जाकर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं।

आरबीआई ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2021-22, श्रृंखला-8 की बिक्री की पेशकश अभी बरकरार है और इसे उसके नए पोर्टल पर जाकर खरीदा जा सकता है। अभी तक गोल्ड बॉन्ड को तमाम वाणिज्यिक बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), निर्धारित डाकघरों और मान्य शेयर बाजारों के जरिये ही बेचा जाता था, लेकिन खरीदारों के लिए आरबीआई का पोर्टल भी एक नया विकल्प बन गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने इस नए पोर्टल का उद्घाटन किया था। इस पोर्टल पर जाकर कोई व्यक्ति सीधे ही ट्रेजरी बिलों, प्रतिभूतियों, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और राज्य विकास ऋणों की खरीदारी कर सकता है।

बचत खाते से जोड़ने की सुविधा होगी : केंद्रीय बैंक की नई योजना के तहत खुदरा निवेशकों को ऑनलाइन आरडीजी खाता खोलने की सुविधा होगी। इन खातों को निवेशकों के बचत खातों से जोड़ा जा सकता है। रिटेल डाइरेक्ट गिल्ट (आरडीजी) खाते का इस्तेमाल सरकारी प्रतिभूतियों के जारी होने की प्रक्रिया का हिस्सा बनने और द्वितीयक बाजार गतिविधियों में शिरकत करने में किया जा सकता है।

आज आखिरी दिन : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आज यानी तीन दिसंबर तक निवेश करने का मौका है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की साल की आखिरी सीरिज की खरीदारी 29 नवंबर को खुली थी और 3 दिसंबर को बंद होगी। इस बार एक ग्राम सोने की कीमत 4,791 रुपये तय की गई है। ऑनलाइन पेमेंट करने पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी, तो आपके और निवेशकों के लिए अच्छा मौका है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्डकी परिपक्वता अवधि 8 सालों की होगी। इसमें 5 साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तारीख पर बॉन्ड से निवेश निकालने का भी विकल्प होगा। इसमें आप 1 ग्राम सोने की खरीदारी से निवेश कर सकते हैं। इस इश्यू में 2.5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलता है।

स्टॉक ब्रोकर पर हाल ही में की गई है सख्ती : हाल ही में पूंजी बाजार नियामक ने स्टॉक ब्रोकरों को डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा देने पर रोक लगाया था। SEBI ने कहा था कि डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री जैसी गतिविधि सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स, 1957 के खिलाफ है। इसलिए एनएसई के सदस्यों को डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री से दूर रहना चाहिए। यह कदम आम निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए उठाया गया है।

तेजी से बढ़ा है आकर्षण : डिजिटल गोल्ड में युवा पीढ़ी का आकर्षण तेजी से बढ़ा है। ऐसा इसलिए कि इसमें मोबाइल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म व वॉलेट्स द्वारा ऑफर किए जा रहे कैशबैक रिवार्ड्स के जरिए निवेश कर सकते हैं। कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान इसकी बिक्री में तेजी से इजाफा हुआ था क्योंकि उस दौरान ज्वैलरी स्टोर्स पर जाना संभव नहीं था। इसके अलावा रखरखाब लागत नहीं होने के कारण गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में निवेश का चलन तेजी से बढ़ा। इसको देखते हुए आरबीआई और सेबी इस सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने के उपायों पर काम कर रहे हैं।