नई दिल्ली। उद्योग जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अगले बजट में आयकर स्लैब को तर्कसंगत बनाने, डिजिटल सेवाओं को ढांचागत दर्जा देने और हाइड्रोजन भंडारण को प्रोत्साहन देने वाले कदम उठाने के सुझाव दिए हैं। वित्त मंत्रालय के मुताबिक ये सुझाव वित्त मंत्री के साथ हुई बजट-पूर्व चर्चाओं के दौरान सामने आए। सीतारमण ने 15-22 दिसंबर के बीच बजट 2022-23 के बारे में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इस दौरान वित्त मंत्री ने 8 बजट परामर्श बैठकों में हिस्सा लिया, जिनमें संबंधित पक्षों और समूहों के 120 से अधिक प्रतिनिधि शामिल रहे।
इसके साथ ही केंद्रीय वित्तमंत्री ने वित्त वर्ष 23 के आगामी बजट के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठकों की सप्ताहभर की श्रृंखला का बुधवार को समापन किया। सभी बैठकें वर्चुअल मोड में आयोजित की गईं। पहली बैठक 15 दिसंबर को कृषि और संबद्ध उद्योग के सदस्यों के साथ हुई थी। मंत्रालय के मुताबिक, बजट संबंधी चर्चाओं में कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग, उद्योग, ढांचागत क्षेत्र, वित्तीय और पूंजी बाजार, सेवा और व्यापार, सामाजिक क्षेत्र, कारोबारी संगठन और श्रमिक संगठन और अर्थशास्त्री शामिल हुए।
इस दौरान विभिन्न समूहों ने वित्त मंत्री को कई सुझाव दिए। शोध और विकास पर खर्च बढ़ाना, डिजिटल सेवाओं को ढांचागत क्षेत्र का दर्जा देना, हाइड्रोजन भंडारण और ईंधन सेल विकास को प्रोत्साहन, आयकर दरों को तर्कसंगत बनाने और ऑनलाइन सुरक्षा उपायों में निवेश जैसे सुझाव प्रमुखता से सामने आए। सीतारमण एक फरवरी 2022 को अगला बजट संसद में पेश करेंगी। यह उनका चौथा बजट होगा। कोविड-19 महामारी को लेकर फिर से चिंता बढ़ने के बीच आर्थिक जगत को इस बजट का काफी इंतजार है। सरकार के सामने इस चुनौती के बीच आर्थिक तेजी को बनाए रखने की चुनौती होगी।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान सात हितधारक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 120 से अधिक आमंत्रितों ने आठ बैठकों में भाग लिया। हितधारक समूहों में कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग, उद्योग, बुनियादी ढांचे और जलवायु परिवर्तन, वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार, सेवाओं और व्यापार, सामाजिक क्षेत्र, ट्रेड यूनियन और श्रम संगठनों और अर्थशास्त्रियों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि हितधारक समूहों ने विभिन्न मुद्दों पर कई सुझाव दिए, जिनमें आरएंडडी खर्च में वृद्धि, डिजिटल सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे की स्थिति, हाइड्रोजन भंडारण और ईंधन सेल विकास के लिए प्रोत्साहन, आयकर स्लैब का युक्तिकरण, ऑनलाइन सुरक्षा उपायों में निवेश आदि शामिल हैं। सीतारमण ने आश्वासन दिया कि बजट दस्तावेज तैयार करते समय सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा, जिसे 1 फरवरी, 2022 को संसद में पेश किया जाना है।