नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए ओमिक्रोन वेरिएंट से हर चीज पर असर पड़ रहा है। नए वेरिएंट के चलते नई कारों की बुकिंग के ग्राहकों का इंतजार लंबा हो सकता है। ऑटो डीलर्स के संगठन FADA ने आशंका जताई है कि यदि नए वेरिएंट के बढ़ते प्रकोप के कारण लॉकडाउन होता है, तो इसका सीधा असर वाहनों की सप्लाई पर पड़ेगा, जिससे आगे चलकर कारों की डिलीवरी में देरी हो सकती है।

हालांकि उद्योग निकाय ने उम्मीद जताई है कि यदि अगले साल की दूसरी छमाही तक कोरोना वायरस का प्रकोप कम रहा और लॉक डाउन नहीं लगाया गया तो वाहनों में सेमीकंडक्टर चिप की कमी दूर हो सकती है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि वर्ष 2021 बहुत ही न्यूट्रल रहा है, इसमें कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन फिर से खतरे को बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है, जिससे आगामी दिनों में लॉकडाउन लगने की संभावना है। प्रतिबंध लगाने के बाद इसका सीधा असर वाहनों की सप्लाई पर पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यदि चिप बनाने वाले देशों में लॉकडाउन का लगाया जाता है या फिर देश वर्क फ्रॉम होम की स्थिति बनती है, और गैजेट्स के लिये बाजार में चिप का मांग बढ़ती है तो ऑटो सेक्टर के लिये चिप की कमी बढ़ेगी और इसका वाहनों की सप्लाई पर असर देखने को मिल सकता है। गुलाटी ने कहा, ‘ऑटो उद्योग केवल 2023 तक पूरी तरह से ठीक हो सकता है’

सेमीकंडक्टर चिप की कमी : ग्लोबल स्तर पर वाहन निर्माता कंपनी सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से इस साल कम प्रोडक्शन किए हैं,जिसकी  वजह से उनको काफी नुकसान हुआ है। वहीं ऑटो इंडस्ट्री की बिक्री में भी इसकी सीधा प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा, वाहन बनाने में लगने वाली लागत की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कई कपनियों ने अगले साल 2022 से अपने प्रोडक्ट पर कीमतों की बढ़ोतरी का ऐलान किया है।