ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने हाल ही समाप्त तिमाही (वित्तीय वर्ष 23 की पहली तिमाही) के लिए अपने बेहतरीन वित्तीय परिणामों की घोषणा की। इसके अनुसार कम्पनी के सभी प्रमुख व्यवसायों में रिकॉर्ड स्तर की सम्पूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में समेकित स्तर पर राजस्व 41 प्रतिशत व स्वचालित स्तर पर 93 प्रतिशत बढ़ा। मुद्रास्फीति लागत दबाव के बावजूद तिमाही के लिए पीएटी में समेकित स्तर पर 16 प्रतिशत और स्वचालित स्तर पर 68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।

बंद किये गये संचालनों (फ़र्टिलाइज़र व्यवसाय) से प्राप्त राजस्व तथा ईबीआइटीडीए वित्तीय वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के लिए क्रमशः रूपये 974 करोड़ तथा रूपये 53 करोड़ रहा (वित्तीय वर्ष 21 की तीसरी तिमाही: रूपये 598 करोड़ तथा रूपये 57 करोड़)

कम्पनी ने कुल मिलाकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्वचालित वित्तीय प्रदर्शन दर्शाया है। जिसमें राजस्व एवं ऑपरेटिंग ईबीआइटीडीए सबसे ऊंचाई पर दर्ज पर हुआ है।

विस्कोज़ बिजनेस-

टैक्सटाइल के लिए भारत-केंद्रित मांग इस तिमाही के दौरान भी मजबूत बनी रही। वीएसएफ व्यवसाय ने वित्तीय वर्ष 23 की पहली तिमाही में 197केटी विक्रय भाग (सेल्स वॉल्यूम) दर्ज की जो कि कुल सेल्स वॉल्यूम में घरेलू बिक्री के 94 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 76 प्रतिशत और पिछली तिमाही की इसी अवधि की तुलना में 10 बढ़ी। इस तिमाही के दौरान विलायत स्थित 600 टीपीडी के ब्राउनफील्ड प्लांट द्वारा ~51 केटी की सेल्स वॉल्यूम का योगदान दिया गया।

जून 22 में ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कॉटन के दामों में वैश्विक मंदी की ओर बढ़ती स्थिति और इसके चलते मांग के धीमा पड़ने की आशंका के चलते नरमी देखी गई।

कैमिकल बिजनेस:

वैश्विक कास्टिक सोडा के दाम वित्तीय वर्ष 22 की चौथी तिमाही के 719/एमटी डॉलर्स की तुलना में, वित्तीय वर्ष 23 की पहली तिमाही में 769/एमटी डॉलर की औसत ऊंचाई पर रहे। इसके पीछे सप्लाई चेन बाधित होने व ऊर्जा के ऊँचे दामों की भी भूमिका रही। दामों में नरमी जून माह के अंत से शुरू हुई और अभी ये दाम ~650/एमटी डॉलर्स पर हैं।

घरेलू कास्टिक सोडा के दामों ने ऊपर बढ़ना जारी रखा है। इसके पीछे वैश्विक स्तर पर  कास्टिक सोडा के दामों का ऊंचा होना, रूपये का कमजोर होना और स्थिर मांग वातावरण  के बने रहने जैसे कारण थे।

जल उपचार व सैनिटेशन उत्पादन के आउटपुट के साथक्लोरीन के सीमित उपभोग में तिमाही के दौरान बढ़ोतरी हुई। हालाँकि अन्य उपभोगकर्ता उद्योग सेग्मेंट जैसे कि डाई और पिग्मेंट में कमजोर मांग के चलते, नकारात्मक वसूली में योगदान दिया।

एडवांस्ड मटेरियल व्यवसाय ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 35 प्रतिशत की प्रभावी सेल्स वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की, हालाँकि इनपुट दामों में हुई महत्वपूर्ण वृद्धि ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में मुनाफे पर असर डाला। इस व्यवसाय में वसूली में सुधार और कुछ निवेशगत लागतों में कुछ छूट के साथ वित्तीय प्रदर्शन में क्रमिक वृद्धि दर्ज की है।

पेंट व्यवसाय:

पेंट व्यवसाय परियोजना के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और प्लांट के शुरू होने के नियत समय के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर कदम बढ़ा रहा है। इस व्यवसाय ने सभी 6 साइट्स पर भूमि आधिपत्य पा लिया है। इसकी चार साइट्स, पानीपत, लुधियाना, चेय्यार और चमराजानगर में सिविल कंस्ट्रक्शन का काम प्रारम्भ है।  जल्द ही सभी वैधानिक अनुमति  मिलते ही अन्य  साइट्स पर भी काम शुरू हो जायेगा।

बी 2 बी कॉमर्स की ओर बढ़ते कदम

कम्पनी ने अगले 5 सालों में ~2000 करोड़ के निवेश के साथ बिल्डिंग मटेरियल सेगमेंट के लिए बी 2 बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में कदम रखने की घोषणा की है। यह प्लेटफॉर्म अन्य संबंधित श्रेणियों तक विस्तार करने की क्षमता के साथ प्राथमिक स्तर पर बिल्डिंग मटेरियल सेगमेंट में एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसका प्रमुख मूल्य प्रस्ताव खरीद के लिए एक एकीकृत समाधान प्रस्तुत करना होगा, जिसमें समय पर सामान की डिलीवरी और प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर एक उच्च गुणवत्ता वाली उत्पाद श्रृंखला (प्रोडक्ट रेंज) भी शामिल होगी।

कैपेक्स (पूंजीगत खर्चे) योजना:

वित्तीय वर्ष 23 के दौरान खर्च होने वाला कुल कैपेक्स बजट 6,720 करोड़ रूपये पर पहुंचा है, जिसमें पेंट व्यवसाय के लिए 3,542 करोड़ रूपये भी शामिल हैं।

 सस्टेनबिलिटी/निरंतरता:

अधिक सस्टेनेबल, हरियाली से भरपूर और जलवायु के हिसाब से काम करने वाला संस्थान बनने के अपने दृष्टिकोण में सुधार लाने और इस संदर्भ में अपनी प्रतिबद्धता को बनाये रखने के लिए हम प्रयासरत हैं। हमने इसके लिए टास्क फ़ोर्स ऑन क्लाइमेट रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर (टीसीएफडी) फ्रेमवर्क को भी अपनाया है।

ग्रेसिम को FTSE4Good इंडेक्स में भी शामिल किया गया है। FTSE4Good इंडेक्स सीरीज उन कंपनियों की पहचान के लिए डिजाइन की गई है जो सशक्त पर्यावरण, सामाजिक और शासन विधि अभ्यास मापदंडों को वैश्विक स्तर पर प्रमाणित मानकों के अनुसार प्रदर्शित करती हैं।

सीमेंट सब्सिडियरी- अल्ट्रा टेक सीमेंट लिमिटेड (यूटीसीएल):

वित्तीय वर्ष 22 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अल्ट्रा टेक का समेकित राजस्व 28 प्रतिशत बढ़कर 15,164 करोड़ रुपये हुआ। कम्पनी ने रूपये 3,204 करोड़ का ईबीआईटीडीए दर्ज किया और सेल्स वॉल्यूम ~25 एमटीपीए रही।

अल्ट्राटेक का क्षमता विस्तार का कार्य सुचारू रूप से जारी है। इस वर्तमान विस्तार कार्य के पूर्ण होने पर भारत में कुल ग्रे सीमेंट क्षमता 131.25 एमटीपीए (वित्तीय वर्ष 23) हो जाएगी और विस्तार के इस चरण के बाद भारतीय क्षमता बढ़कर 153.85 एमपीटीए (वित्तीय वर्ष 25) तक बढ़ जाएगी।

अल्ट्राटेक को अगले 5 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर और हाऊसिंग सेगमेंट की प्रेरणा से सीमेंट की मांग के 8 प्रतिशत CAGR बढ़ने की अपेक्षा है।