नई दिल्ली। आपकी पूरी इनकम पर लगने वाला टैक्स इनकम टैक्स कहलाता है। इसमें सैलरी के अलावा बचतों से आने वाला ब्याज, घर से होने वाली कमाई, साइड बिजनेस, कैपिटल गेन्स जैसी कई चीजें शामिल होती हैं।
लेकिन कुछ सोर्स ऐसे भी होते हैं, जिनसे होने वाली आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है। अधिकतर लोगों को खेती से होने वाली आय के ही टैक्स फ्री होने की जानकारी होती है लेकिन इसके अलावा कई और ऐसी आय होती हैं, जिन्हें टैक्स के नियमों से बाहर रखा गया है। टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 में इस तरह की आमदनी के बारे में छूट दी गई है।
बजट 2023 में नई टैक्स रेजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं। अब 7 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को टैक्स नहीं देना होगा। पहले तकरीबन 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर रिबेट मिलता था, लेकिन अब इसे 7 लाख रुपये तक बढ़ाकर कर दिया गया है। इससे वेतनभोगियों को फायदा होगा। इसके अलावा कुछ ऐसी आमदनी है, जिस पर कोई टैक्स चुकाने की ज़रूरत नहीं होती। हम आपको उन इनकमों के बारे में बताते हैं, जिन पर आप टैक्स बचा सकते हैं…

खेती : भारत एक कृषिप्रधान देश है. देश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स कानून 1961 में कृषि से हुई आमदनी को आयकर के दायरे से बाहर रखा गया है. अगर आपके पास कृषि भूमि है और आप खेती या उससे जुड़ी गतिविधियों से कमाई कर रहे हैं तो आपको उस आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है.

अविभाजित हिन्दू परिवार (HuF) से मिली रकम : अविभाजित हिन्दू परिवार (HuF) से मिली रकम या विरासत के रूप में हुई आमदनी को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10(2) के तहत इस तरह की आमदनी टैक्स के दायरे से बाहर है. इस सेक्शन में कहा गया है परिवार की आमदनी, अचल संपत्ति से कमाई या अविभाजित हिन्दू परिवार को पुश्तैनी संपत्ति से कमाई पर आयकर नहीं चुकाना होगा.

बचत खाते से ब्याज: आपके बचत खाते (सेविंग अकाउंट) में मौजूद रकम पर हर तिमाही में ब्याज मिलता है. इनकम टैक्स कानून के हिसाब से यह आपकी आमदनी है. इस पर आप इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80TTA के हिसाब से आयकर में छूट हासिल कर सकते हैं. अगर बचत खाते पर ब्याज सालाना 10,000 रुपये से ज्यादा है तो अतिरिक्त रकम पर आपको Income Tax देना पड़ेगा.

ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट : अगर कोई कर्मचारी केंद्र या राज्य सरकार के लिए काम करता है तो उसे मिलने वाली ग्रैच्युटी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. हालांकि, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले एंप्लॉयी को जब टोकन ऑफ एप्रीसिएशन मिलता है तो इसके लिए Tax का नियम अलग है.

VRS पर मिली रकम : इनकम टैक्स कानून के नियम 2BA के तहत वीआरएस(स्वैच्छिक सेवानिवृति) के रूप में मिली पांच लाख रुपये तक की रकम टैक्स फ्री है.

स्कॉलरशिप,अवार्ड : अगर किसी छात्र को कोई छात्रवृत्ति मिलती है या कोई अवार्ड मिलता है जिससे वह पढ़ाई का खर्च चला रहा है तो इस पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 (16) के तहत आयकर से छूट है. इसमें रकम की कोई सीमा नहीं है.