नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में घोषित विशेष सहायता योजना के तहत 16 राज्यों के लिए 56,415 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत राज्यों को चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 1.3 लाख करोड़ रुपये तक की राशि 50 साल के ब्याज-मुक्त ऋण के तौर पर दी जा रही है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि व्यय विभाग ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 16 राज्यों को 56,415 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय के मुताबिक यह राशि स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जल आपूर्ति, बिजली, सड़क, पुल और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश परियोजनाओं के लिए दी गई है। इन क्षेत्रों में परियोजनाओं की गति बढ़ाने के लिए जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्यों का हिस्सा भी दिया गया है।
किस राज्य को कितनी राशि की मंजूरी दी गई
क्रम | राज्य | स्वीकृत राशि |
1 | अरुणाचल प्रदेश | 1255 |
2 | बिहार | 9640 |
3 | छत्तीसगढ | 3195 |
4 | गोवा | 386 |
5 | गुजरात | 3478 |
6 | हरियाणा | 1093 |
7 | हिमाचल प्रदेश | 826 |
8 | कर्नाटक | 3647 |
9 | मध्य प्रदेश | 7850 |
10 | मिजोरम | 399 |
11 | ओडिशा | 4528 |
12 | राजस्थान | 6026 |
13 | सिक्किम | 388 |
14 | तमिलनाडु | 4079 |
15 | तेलंगाना | 2102 |
16 | पश्चिम बंगाल | 7523 |
*राशि करोड़ रुपये में
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में राज्यों के स्तर पर पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के लिए ‘पूंजीगत निवेश को लेकर राज्यों को विशेष सहायता’ योजना की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में भी इसी तरह की एक योजना संचालित की थी, जिसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 में 95,147.19 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के साथ राज्यों को 81,195.35 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। यह योजना सबसे पहले कोरोना महामारी के दौरान वित्त वर्ष 2020-21 में चलाई गई थी।