नई दिल्ली। अमेरिका के साथ भारत ने ड्रोन खरीद के लिए बड़ी डील की है। इसके तहत भारत MQ-9B प्रिडेटर आर्म्ड ड्रोन खरीदने जा रहा है। इन ड्रोन्स के जरिए भारत चीन से लगती वास्तविक सीमा रेखा के अलावा हिंद महासागर में भी दुश्मन पर नजर रखने और उससे निपटने में सक्षम होगा।
कहने को भले ही यह एक ड्रोन है, लेकिन किसी जहाज से कम नहीं है। 35 घंटे तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम यह ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर 450 किलो तक विस्फोटक गिरा सकता है। इससे समझा जा सकता है कि यह हथियार दुश्मन के ठिकानों को किस तरह पल में तबाह कर सकता है और यह पूरा काम महज रिमोट कंट्रोल से अंजाम दिया जा सकता है।
युद्ध की बदलती तकनीकों के दौर में ड्रोन्स का इस्तेमाल एक कदम आगे की चीज है और भारत भी अब इसमें पीछे नहीं है। माना जा रहा है कि इन ड्रोन्स की खरीद से भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास खतरनाक ड्रोन हैं, जो दुश्मन पर कहीं भी हमला कर सकते हैं। इन देशों में अमेरिका, इजरायल, रूस, चीन, ईरान, तुर्की आदि शामिल हैं। MQ-9B प्रिडेटर आर्म्ड ड्रोन तैयार करने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स के मुताबिक इसी ड्रोन के जरिए अफगानिस्तान में छिपे अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी पर अमेरिका ने मिसाइल दागी थी और वह अपने घर पर ही ढेर हो गया था।
दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रोन्स की बात करें तो यूक्रेन में जमकर इस्तेमाल हो रहे हैं बायरकटार टीबी-2 ड्रोन को नहीं भूला जा सकता। इसी ड्रोन के जरिए यूक्रेन ने अपने से कहीं ताकतवर रूस के कई ठिकानों पर अंदर घुसकर हमले किए हैं। रूस के मोस्कवा क्रूजर को डुबाने में भी इसका अहम रोल माना जाता है। पूरी जंग का रुख ही इस एक ड्रोन के चलते बदल गया। इसकी खासियत है कि यह 18 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसके अलावा यह लगातार 27 घंटे तक आसमान में रह सकता है। जीपीएस, नेविगेशन और सेंसर जैसी सुविधाओं से लैस यह ड्रोन कहीं भी दुश्मन पर भारी पड़ सकता है।
चीनी ड्रोन के कई देश बने हैं ग्राहक
ड्रोन युद्ध में चीन भी पीछे नहीं है। उसका CASC रेनबो CH-4 ड्रोन भी बेहद घातक है। इसे चीन ने इराक, मिस्र, नाइजीरिया, पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों को बेचा है। इस तरह चीन ने ड्रोन्स के जरिए दुनिया के कई देशों में कारोबारी पैठ भी बना ली है। सऊदी अरब ने हूथी विद्रोहियों से निपटने और इराक ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों पर हमले के लिए इन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था। यही नहीं चीनी कंपनी फिलहाल सऊदी अरब से बात कर रही है और चीन में उत्पादन की तैयारी में है। यह लगातार 30 से 40 घंटे तक आसमान में उड़ान भर सकता है और 250 से 345 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है।
इजरायल का ड्रोन कितना खतरनाक
अब युद्ध की तकनीकों में बड़े आविष्कार करने वाले इजरायल की बात करें तो उसका Elbit Hermes 900 ड्रोन बेहद खतरनाक है। इसका इस्तेमाल इजरायल की सेना इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टारगेट की पहचान के लिए करती रही है। यह दुनिया भर में सैन्य अभियानों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ड्रोन है। यह ड्रोन 300 किलोग्राम तक विस्फोटक गिरा सकता है। यह हमला वह 30 हजार फुट तक की ऊंचाई से भी कर सकता है। यही नहीं इसकी उड़ान भी लगातार 30 घंटे तक की है।
ईरान का कामिकेज भी है घातक ड्रोन, रूस ने बदला रुख
रूस की मिसाइलें भी जहां तक नहीं पहुंचीं, वहां कामिकेज ड्रोन्स ने यूक्रेन पर हमला बोला। कई ठिकानों पर इन ड्रोन्स के जरिए रूस ने चुन-चुन कर हमला बोला और एक बार फिर से जंग में वापसी की थी। यह बेहद हल्का है और मारक भी है। इस ड्रोन की यह खासियत है कि इन्हें राडार के जरिए डिटेक्ट करना भी आसान नहीं है। इन्हें बिना ह्यूमन इन्टरवेंशन के जरिए भी युद्ध मे इस्तेमाल किया जा सकता है। चेहरा पहचानने वाली तकनीक से संचालित यह ड्रोन बहुत काम का है। इन डोन्स की खरीद रूस ने ईरान से ही की थी।