दक्षिण भारत के प्रमुख रीजनल ज्वेलरी ब्रांड मनोज वैभव जेम्स ‘एन’ ज्वैलर्स लिमिटेड ने एनएसई पर सफलतापूर्वक लिस्टिंग पूरी कर ली है। कंपनी के शेयर 215 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुए। कंपनी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 8 शहरों में 13 शोरूम (दो फ्रेंचाइजी शोरूम सहित) के साथ सूक्ष्म बाजारों में मौजूद है। वित्त वर्ष 2023 में समग्र आंध्र प्रदेश और तेलंगाना आभूषण बाजार में उनकी बाजार हिस्सेदारी ~4% और इन दोनों राज्यों में संगठित बाजार में ~10% है।
कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए शुक्रवार, 22 सितंबर, 2023 को खुला और मंगलवार, 26 सितंबर, 2023 को बंद हुआ। कंपनी ने ₹10 प्रति इक्विटी शेयर की फेस वैल्यू वाले इक्विटी शेयर जारी किए जिसमें 210 करोड़ रुपये का फ्रेश पब्लिक इश्यु और 2.8 मिलियन इक्विटी शेयरों को ऑफर ऑफ सेल शामिल है l मनोज वैभव जेम्स ‘एन’ ज्वैलर्स ने अपने शेयर 204-215 रुपये के प्राइस बैंड में बेचे हैं।
वे आंध्र प्रदेश के संगठित आभूषण खुदरा बाजार में पहले प्रवेशकों में से एक है और उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सूक्ष्म बाजारों के भीतर उच्च विकास वाले अप्रयुक्त क्षेत्रों में क्षेत्रीय विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा, जिससे क्षेत्र में ब्रांडेड आभूषणों के लिए एक बाजार तैयार हुआ। 2007 में उन्होंने अपना प्रमुख शोरूम वी स्क्वायर लॉन्च किया, जो चार मंजिला 29,946 वर्ग फुट आभूषण खुदरा स्थान के साथ विशाखापत्तनम के सबसे बड़े शोरूमों में से एक है।
इसके 77% रीटेल शोरूम टियर 2 और टियर 3 शहरों में हैं और बाकी स्टोर्स शहरी उपभोक्ताओं की पूर्ति के लिए हैदराबाद और विशाखापत्तनम में स्थित हैं। इसके हर शोरूम में सोने, हीरे, जेम्स, प्लैटिनम और चांदी के आभूषणों एवं उत्पादों की एक लम्बी श्रृंखला में डिजाइनों की एक विविध और शानदार सूची मौजूद है। कंपनी का उप-ब्रांड विशेशा सोने और हीरे के आभूषणों के प्रीमियम सेगमेंट में काम करता है।
30 जून, 2023 को समाप्त हुई तिमाही में ऑपरेशन से राजस्व 508.90 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 19.24 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 23 में ऑपरेशन से इसका राजस्व 2027.34 करोड़ रुपये था, जिसमें मुख्य रूप से सोने के आभूषणों की बिक्री थी, जबकि 2005 में यह राशि 50.9 करोड़ रुपये थी। वित्तीय वर्ष 2023 के लिए आभूषण ब्रांडों का प्रति रिटेल शोरूम एवरेज रिवेन्यु 155.95 करोड़ रुपये और एबिटा मेट्रिक्स 11.00 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021-23 के बीच राजस्व में 18.92% और पीएटी में 85.81% की सीएजीआर वृद्धि हुई। इसकी ई-कॉमर्स बिक्री वित्त वर्ष 19 में 4.16 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 36.40 करोड़ रुपये हो गई।